चीन पर अमेरिका ने जारी की 'खुफिया रिपोर्ट', क्यों भारत के लिए इसे पढ़ना है जरूरी? ड्रैगन के 'खतरनाक' इरादों की दिखी झलक
China Weapons Report: चीन अपनी सैन्य जानकारियों को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जाता है. मगर इस बार एक अहम जानकारी सामने आई है.
India-China Tensions: भारत और चीन के बीच तनाव का इतिहास पुराना रहा है. लेकिन पिछले कुछ सालों में चीन ने सीमा पर जिस तरह हरकत की है, उसके बाद से तो रिश्तों पर बर्फ की मोटी चादर जम गई है. चीन को एक ऐसे मुल्क के तौर पर जाना जाता है, जो अपनी जानकारियों को दुनिया तक जल्दी आने नहीं देता है. ऐसे में अगर बात उसकी सुरक्षा से जुड़ी हो, तो वह बिल्कुल नहीं चाहता है कि कोई इस बारे में जान पाए. खासतौर पर भारत तो बिल्कुल भी नहीं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को लेकर अमेरिका ने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की, जो भारत के लिए बेहद जरूरी है. इस रिपोर्ट के बारे में हर भारतीय को जानना भी जरूरी है, क्योंकि तभी वह चीन के इरादों को भांप पाएगा. चीन अपनी सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं आने देता है. हालांकि, इस बार उसकी कुछ ऐसी जानकारियां सामने आई हैं, जिस पर गौर करने की बहुत ज्यादा जरूरत है. आइए इस रिपोर्ट के बारे में और जानते हैं.
किस बारे में है रिपोर्ट और किसने की जारी?
दरअसल, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इस हफ्ते चीन की सेना को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. चीनी सेना के पास कितने परमाणु बम हैं. कितने विदेशी बेस से चीन ऑपरेट कर रहा है. इस तरह जानकारी को रिपोर्ट में शामिल किया गया है. रिपोर्ट में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां दी गई हैं. इसमें उसके हर हथियार की जानकारी दी गई है. ऐसे में आइए इस रिपोर्ट के बारे में और भी ज्यादा जानते हैं.
चीन के पास कौन-कौन से हथियार हैं?
- परमाणु हथियार: चीन के पास 500 ऑपरेशनल परमाणु बम हैं. 2030 तक उसके परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़कर 1000 के करीब पहुंच जाएगा. 2021 में अमेरिका ने बताया था कि चीन के परमाणु बमों की संख्या 400 है. परमाणु बम की संख्या के मामले में चीन दुनिया में तीसरे स्थान पर है.
- मिसाइल: चीन ने 2022 में तीन नए साइलो फील्ड का निर्माण पूरा कर लिया है. चीन के पास 300 नए इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का साइलो है. साइलो उस जगह को कहा जाता है, जिसमें मिसाइलों को स्टोर किया जाता है. चीन पारंपरिक इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज मिसाइस सिस्टम भी तैयार कर रहा है.
- विदेशी मिलिट्री बेस: चीन दुनियाभर में अपनी सैन्य मौजूदगी को भी बढ़ा रहा है. म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, नाइजीरिया, नामिबिया, मोजाम्बिक, बांग्लादेश, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन आइलैंड और ताजिकिस्तान में चीन अपने मिलिट्री बेस तैयार करने की कोशिश कर रहा है.
- जहाज: चीन के पास पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. ये नौसेना तेजी से बढ़ती भी जा रही है. चीन के नौसेना के बेड़े में 370 जहाज और पनडुब्बियां हैं. पिछले साल इनकी संख्या 340 थी. 2025 तक उसका ये बेड़ा 395 और 2030 तक 435 जहाजों के बेड़े तक पहुंच जाएगा.
भारत के लिए ये रिपोर्ट इसलिए अहम है, क्योंकि इसके आधार पर नई दिल्ली बीजिंग से निपटने के लिए अपनी रणनीति को तैयार कर सकता है. हथियारों की संख्या इस बात का अंदाजा लगाने का मौका देगी कि भारत को किस दिशा में सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है. भारत ने इस तरह की सूचनाओं के आधार पर ही सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी को बढ़ाया है.
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