Venezuela Allged US For Created Chaos: अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक है. वो आए दिन बाकी के देशों को धर्म और शांति के नाम पर ज्ञान देता रहता है. हालांकि, उसका एक अलग चेहरा भी है, जो इन सब से काफी अलग है, जिसका पर्दाफाश दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक ने करने की कोशिश की है. हाल ही में दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने अमेरिका के एक बेहद ही घिनौने चाल को सफल होने से रोक दिया है. उन्होंने खुफिया एजेंसी सीआईए, एलीड कमांडो फोर्स अमेरिकी नेवी सील के कई लोगों को अरेस्ट किया था. इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले निकोलस मादुरो की सरकार को हटा देना चाहता है.
बीते महीने सितंबर में ही वेनेजुएला की सरकार ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की हत्या की कथित साजिश के सिलसिले में चौथे अमेरिकी नागरिक की गिरफ्तारी की. थी. इस मौके पर आंतरिक मंत्री डियोस्डाडो कैबेलो ने नेशनल असेंबली के सामने एक भाषण के दौरान गिरफ्तारी और साजिश के बारे में खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि जो लोग वेनेजुएला के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेंगे हम उन पर शिकंजा कसेंगे, चाहे वो कोई भी हो. हालांकि, अमेरिका ने सारे दावे को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वेनेजुएला सरकार ने जिन लोगों को अरेस्ट किया है, वे वैसे लोग है, जो राष्ट्रपति चुनाव की आलोचना करते थे.
अमेरिका ने राष्ट्रपति चुनाव में धांधली का लगाया आरोप
अमेरिका ने वेनेजुएला पर आरोप लगाया है कि वहां हुए हलिया राष्ट्रपति चुनाव में पूरी तरह से धांधली हुई है. इसके पीछे मादुरो ही थे. अमेरिकी सरकार ने वेनेजुएला में हुए चुनावी नतीजे को खारिज कर दिया और कहा कि वो वेनेजुएला में राजनीतिक संकट के लोकतांत्रिक समाधान का समर्थन करना जारी रखेगा. हालांकि, राष्ट्रपति मादुरो ने अमेरिकी दावे के झूठा बताया.
15 मिलियन डॉलर का इनाम पाने का लालच
वेनेजुएला के आंतरिक मंत्री (गृह मंत्री) डिओसाडो कैबेलो का दावा है कि उन्होंने जिन लोगों को अरेस्ट किया है. वे सभी मादुरो को मारने के लिए वेनेजुएला आए हुए थे. वे लोग अमेरिका द्वारा मादुरो को गिरफ्तार करने पर मिलने वाले 15 मिलियन डॉलर का इनाम पाना चाहते थे. कैबेलो ने आगे कहा कि उन्होंने जिन लोगों को पकड़ा है उनके पास से अमेरिका में निर्मित 400 राइफलों के अलावा कई अन्य तरह के हथियार और गोला-बारूद जब्त किए हैं.
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