US Praise India Chandrayaan 3: चांद पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद भारत के दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं. अमेरिकी राजनेताओं, न्यूज़पेपर और स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बुधवार (23 अगस्त) को भारत की सराहना की. इस उपलब्धि के साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के साथ उस स्पेसिफिक लिस्ट में शामिल हो गया, जिनके पास चंद्रमा की सतह पर अपना रोवर है.


अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चांद के साउथ पोल पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला और चांद की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (ISRO) का मानना है कि चांद के साउथ पोल क्षेत्र में पानी का पता चल सकता है.


अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने दी बधाई


अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने X (ट्विटर) पर कहा, ''चंद्रमा के साउथ पोल क्षेत्र में चंद्रयान -3 की सफलतापूर्वक और ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई. इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है. हमें इस मिशन और अंतरिक्ष खोज में आपके साथ व्यापक रूप से जुड़े रहने पर गर्व है.''  उप राष्ट्रपति हैरिस नेशनल स्पेस काउंसिल की प्रमुख भी हैं."


हैरिस की मां भारतीय थीं. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे में अंतरिक्ष सहयोग, चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था. मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और साथ ही दोनों देशों ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर काम करने का फैसला किया था.


NASA ने भारत की प्रशंसा की


नासा (NASA) के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ''चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर इसरो को बधाई. भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर बधाई. हम इस मिशन में आपके भागीदार बनकर खुश हैं.'' चंद्रयान-3, बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया.


अभी तक कोई भी अन्य देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच पाया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव पर जमे हुए पानी और बहुमूल्य तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं. दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान रविवार को अनियंत्रित होकर चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.


अमेरिकी अखबारों ने की सराहना


अमेरिकी अखबारों ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है. पूर्व में इनमें से कई अखबारों ने भारत के अंतरिक्ष मिशन को लेकर संदेह जताया था और कार्टूनों के माध्यम से मजाक भी उड़ाया था. न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बना दिया और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नयी उपलब्धि जोड़ दी है.


वॉशिंगटन पोस्ट ने चंद्रयान-3 पर अलग-अलग खबरें दी हैं और इस ऐतिहासिक अवसर पर एक अपने विचार व्यक्त किये हैं. अखबार के डेप्युटी ओपिनियन एडीटर डेविड वॉन ड्रेहले ने लिखा है ‘‘यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक अतुलनीय उपलब्धि और भूराजनीति में ताकत का एक प्रतीक भी है. उसी जगह पर उतरने का रूस की कोशिश हाल ही में विफल होना उसी तरह था मानो रूस के पतन में और तेजी आ गई हो. इसके बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली.’’


ये भी पढ़ें:'चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतीक', UN में बोलीं भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज