वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के पत्रकारों को ‘देशद्रोही’ बताते हुए उन पर अपनी खबरों से लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप लगाया. ट्रंप ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘जब 'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' से पीड़ित उन्मादी मीडिया हमारी सरकार की सीक्रेट बातचीत का खुलासा करती है तो वास्तव में वो ना केवल पत्रकारों, बल्कि कई लोगों की जान खतरे में डालती है.’’


मीडिया में विश्वास सबसे निचले स्तर पर
उन्होंने मुख्यधारा की मीडिया पर गलत खबरें छापने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘प्रेस की आजादी सटीकता से खबरें रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी के साथ आती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्रशासन की 90 फीसदी मीडिया कवरेज नकारात्मक है जबकि हम जबरदस्त सकारात्मक नतीजे हासिल कर रहे हैं. इसमें कोई अचरज नहीं है कि मीडिया में विश्वास अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.’’





अच्छी मुलाकात के बाद की आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि असफल न्यूयॉर्क टाइम्स और अमेजन वॉशिंगटन पोस्ट बेहद सकारात्मक उपलब्धियों पर भी बुरी खबरें लिखते हैं और वे कभी नहीं बदलेंगे. इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था कि उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स के छपी ए जी सल्जबर्जर से व्हाइट हाउस में बेहद अच्छी और दिलचस्प मुलाकात की.

दूसरी ओर न्यूयॉर्क टाइम्स के पब्लिशर ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान ट्रंप को आगाह किया कि न्यूज़ मीडिया पर उनके बढ़ते हमले ‘हमारे देश के लिए खतरनाक और हानिकारक’ है और इससे ‘हिंसा बढ़ेगी.’


सल्जबर्जर के मुताबिक, बैठक में टाइम्स के एडिटोरियल पेज के संपादक जेम्स बेनेट भी शामिल हुए और व्हाइट हाउस के आग्रह पर यह गोपनीय बैठक थी लेकिन ट्रंप ने इसके बारे में ट्वीट करके इसे सार्वजनिक कर दिया.


सल्जबर्जर ने कहा, ‘‘मुलाकात के लिए तैयार होने का मेरे मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति के प्रेस विरोधी बयानों को लेकर चिंता जताना था. मैंने सीधे राष्ट्रपति से कहा कि मुझे लगता है कि उनकी भाषा ना केवल विभाजनकारी है बल्कि खतरनाक भी है.’’


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