वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया. प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. महाभियोग प्रस्ताव के दौरान पक्ष में 232 और विपक्ष में 197 वोट पड़े. 10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी महाभियोग के पक्ष में वोट दिया. अब 19 जनवरी को सीनेट में ये प्रस्ताव लाया जाएगा.
इस महाभियोग प्रस्ताव में ट्रंप पर छह जनवरी को 'राजद्रोह के लिए उकसाने' का आरोप लगाया गया है. सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए दो तिहाई सदस्यों के मतों की आवश्यकता होती है. अगर सीनेट में प्रस्ताव पास हो जाता है, तो ट्रंप को समय से पहले राष्ट्रपति पद छोड़ना होगा.
अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग चलाया गया है. इससे पहले प्रतिनिधि सभा ने 18 दिसंबर 2019 को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के आरोप को पारित किया था. लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाले सीनेट ने फरवरी 2020 में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था. उस दौरान आरोप लगाए गए थे कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर दबाव डाला कि वे बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच करवाए.
व्हाइट हाउस ने महाभियोग प्रस्ताव को अमेरिका के इतिहास के बेहद शर्मनाक राजनीतिक घटनाक्रमों में से एक बताया गया है. अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद पद से हटाया नहीं गया.
बता दें, डेमोक्रेट्स ने यूएस कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को उकसाने के लिए कसूरवार ठहराया था. इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रंप के कार्यकाल को पूरा होने में कुछ ही दिन बचे हुए हैं. अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने ट्रंप को 20 जनवरी से पहले पद से हटाने के लिए कमर कस ली है. बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
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