न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत पाकिस्तान के रिश्ते पर बोले हैं. ट्रंप ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की बात दोहराई है. ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान की सोच काफी अलग है जिसकी वजह से मुझे चिंता है. लेकिन अगर दोनों मानेंगे तो मैं मदद करूंगा और उन्हें मेरी मदद पसंद भी आएगी. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ''कल प्रधानमंत्री इमरान खान से अच्छी मुलाकात हुई, वो लोग बात कर रहे हैं. भारत चाहेगा तो मैं मदद करूंगा. दोनों देशों को मेरी मदद पंद आएगी लेकिन पहले दोनों मानें तो सही. दोनों देशों के विचार अलग हैं, इसे लेकर मैं चिंतित हूं.'' बता दें कि यह छठा मौका है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की बात कही है.





बता दें कि कल पाक पीएम इमरान खान से राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठा था लेकिन उन्हें मुहं की खानी पड़ी थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को डोनाल्ड ट्रंप ने झटका देते हुए साफ किया कि वो तैयार तो हैं लेकिन भारत की सहमति भी जरूरी है. जाहिर है कि भारत, कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है और ये साफ है कि भारत इसमें किसी तीसरे की भूमिका नहीं मानता है. ट्रंप ने कहा कि अकेले इमरान खान के तैयार होने से कुछ नहीं होता, दूसरे पक्ष का तैयार होना भी जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारत-पाक इसे मिलकर सुलझाएंगे.


इमरान के सामने ट्रंप ने किया हाउडी मोदी का जिक्र
इमरान खान के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान ट्रंप ने हाउडी मोदी कार्यक्रम का भी जिक्र किया. ट्रंप ने कहा, ''मैं वहां बैठा था. मैंने भारत और प्रधानमंत्री की तरफ से बहुत की आक्रामक बयान सुना. मैं ये कहूंगा कि वहां 59000 लोगों का अच्छा समर्थन मिला.'' इमरान खान ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान दोनों से उनके अच्छे संबंध हैं.


ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश खारिज कर चुका है भारत
बता दें कि इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति कश्मीर मुद्दे को लेकर दोनों देशों के भी मध्यस्थता की बात कह चुके हैं जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था. जुलाई में इमरान खान ने ट्रंप से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात के बाद ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की इच्छा जताई थी. भारत ने इसे खारिज कर दिया था.


वहीं अगस्त में फ्रांस में जी-7 सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ बैठक के दौरान भी मध्यस्थता की बात को खारिज कर दिया था. पीएम मोदी ने कहा था, ''भारत और पाकिस्तान के सारे मुद्दे द्विपक्षीय है. इसलिए हम दुनिया के किसी भी देश को कष्ट नहीं देते हैं. भारत-पाकिस्तान 1947 से पहले एक थे, हमें विश्वास है कि हम मिलजुलकर अपनी समस्या पर चर्चा भी कर सकते हैं और समाधान भी कर सकते हैं.''