नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस महामारी से लड़ने का अजीबो गरीब उपाय बताया. बीते रोज़ राष्ट्रपति की प्रेस कान्फ्रेंस में कोरोनावायरस टास्क फोर्स ने एक प्रेज़ेंटेशन देकर इस बात की जानकारी दी कि कोविड-19 सूरज की रोशनी में सिर्फ दो मिनट ही ज़िंदा रह पाता है. टास्क फोर्स की इसी बात के आधार पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप डॉक्टरों से बात करें और इस बात को देखें कि क्या किसी तरह से रोशनी और गर्मी का इलाज में इस्तेमाल हो सकता है.


ट्रंप यही नहीं रुके. इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि कोरोना के मरीज़ों में के शरीर में ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लिन्जर का इंजेक्शन दिया जाना चाहिए. बता दें कि अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के टेक्नोलॉजी डायरेक्टोरेट के प्रमुख बिल ब्रायन ने इस बात की जानकारी दी थी कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल अल्कोहल से कोरोना वायरस पांच मिनट में मर जाता है और अल्कोहल से 30 सेकेंड में ही इसकी मौत हो जाती है.


ट्रंप ने रिसर्च के परिणामों से उत्साहित होकर कहा कि मान लीजिए कि हम शरीर में काफी मात्रा में अल्ट्रावायलेट या तेज़ शक्ती के साथ रोशनी को डालें. ऐसा त्वचा या किसी और तरीके से किया जा सकता है. ये काफी दिलचस्प लग रहा है." उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा इजेक्शन के ज़रिए भी कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने इन बातों के साथ बिल ब्रायन से हर बार कहा कि आप इसकी भी जांच करेंगे.


रिसर्च में क्या पाया गया?
रिसर्च में कहा गया है कि सूरज की किरणें कोविड-19 को मार देती हैं. जबकि गर्म तापमान और ह्यूमिडिटी वायरस को नुकसान पहुंचाते हैं, और इससे वायरस का जीवन और इसकी शक्ति आधी हो जाती है."


बिल ब्रायन ने कहा, "यह आज तक का हमारा सबसे महत्वपूर्ण ऑब्जर्वेशन है. सूर्य की रोशनी के शक्तिशाली प्रभाव से वायरस सतह और हवा दोनों जगह मरता हुआ पाया गया है." ब्रायन के अनुसार, एक कमरे में 70-75 एफ तापमान पर 20 प्रतिशत ह्यूमिडिटी के साथ वायरस का जीवन लगभग आधा यानी एक घंटे है.