बदला इतिहास: अपने 'दुश्मन देश' उत्तर कोरिया की सीमा में ट्रंप ने रखा कदम, किम जोंग उन से मिलाए हाथ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दिलचस्प ट्वीट कर उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन से हाथ मिलाने के लिए आने की बात कही थी. जिसके एक दिन बाद आज दोनों नेताओं ने मुलाकात की.
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आज उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन से मुलाकात की. यह मुलाकात दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया को विभाजित करने वाली जगह असैन्य क्षेत्र (डीएमजेड) में हुई. इसी दौरान ट्रम्प ने डीएमजेड में उत्तर और दक्षिण कोरिया को बांटने वाली कंक्रीट की सीमा को पार कर उत्तर कोरिया के क्षेत्र में कदम रखा. यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के क्षेत्र में कदम रखा है.
#WATCH US President Donald Trump meets North Korean leader Kim Jong-un in Demilitarized zone between North Korea and South Korea. pic.twitter.com/F7ozzOdBqJ
— ANI (@ANI) June 30, 2019
ट्रम्प और किम कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण के मामले को लेकर दो बार शिखर वार्ता कर चुके हैं. हनोई में फरवरी में बेनतीजा रही शिखर वार्ता के बाद दोनों पहली बार आज मिले. ट्रंप और किम जोंग उन ने पिछले साल सिंगापुर में पहली बार मुलाकात की थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने खुद शनिवार को इस दौरे की जानकारी ट्विटर पर दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार की सुबह को ट्वीट कर कहा था, "चीन के राष्ट्रपति शी (जिनपिंग) के साथ बैठक समेत कुछ बहुत महत्वपूर्ण बैठकों के बाद मैं जापान से दक्षिण कोरिया (राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ) जा रहा हूं. अगर उत्तर कोरिया के नेता किम इसे देख रहे हैं, तो मैं उनसे सिर्फ हाथ मिलाने और हैलो (?) बोलने के लिए सीमा/डीएमजेड क्षेत्र में मिलूंगा."
ट्रंप ट्वीट के वक्त जापान के ओसाका में थे. जहां जी-20 सम्मेलन आयोजित किया गया. ट्रंप के बयान के बाद उत्तर कोरिया ने कहा कि असैन्य क्षेत्र में मिलने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्ताव बहुत मजेदार सुझाव है.
उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने देश के पहले उप विदेश मंत्री चाओ सोन-हुई के हवाले से कहा, "हम इसे बहुत मजेदार सुझाव के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन हमें इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है." बयान में कहा गया कि यह बैठक दोनों नेताओं के व्यक्तिगत रिश्तों को और गहरा करने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का एक और सार्थक अवसर होगी.