(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या ट्रंप को सता रहा हार का डर? चुनाव में देरी के सुझाव पर विपक्ष ने दी ये प्रतिक्रिया
मार्च-अप्रैल के महीने में जब अमेरिका में इसका विस्फोट हुआ, तब से अब तक हालात में खास सुधार नहीं हुआ है.देश में अभी भी लगातार 50-60 हजार से ज्यादा मामले रोजाना आ रहे हैं, जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें भी रोज हो रही हैं.
वॉशिंगटनः कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है. दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में उतर रहे हैं, लेकिन देश के मौजूदा हालात के कारण चुनावों पर आशंका के बादल भी हैं. इस बीच ट्रंप ने चुनावों को टालने का सुझाव देकर सबको चौंका दिया है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप को चुनाव में हार का डर सताने लगा है.
ट्रंप ने ट्वीट कर दिया देरी का सुझाव अमेरिका में हर चार साल में नवंबर के महीने में चुनाव होते हैं. ये चुनाव पहले सोमवार के बाद आने वाले मंगलवार को होते हैं. इस बार भी यही समय चुनावों के लिए तय रखा गया है. हालांकि, दुनियाभर में अपना कहर मचा रही महामारी कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप अमेरिका में ही दिखा है. यहां 46 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि डेढ़ लाख से ज्यादा की जान जा चुकी है.
इस बीच ट्रंप ने चुनाव में देरी का सुझाव दिया है. गुरुवार को ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “वैश्विक पोस्टल वोटिंग से 2020 का चुनाव इतिहास का सबसे ज्यादा गलत और धोखाधड़ी वाला होगा. यह अमेरिका के लिए बहुत शर्मनाक होगा. चुनाव में देरी तब तक करें जब तक लोग ठीक से, सुरक्षित और सुरक्षित रूप से मतदान कर सकें???''
With Universal Mail-In Voting (not Absentee Voting, which is good), 2020 will be the most INACCURATE & FRAUDULENT Election in history. It will be a great embarrassment to the USA. Delay the Election until people can properly, securely and safely vote???
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 30, 2020
ट्रंप को हार का डर, लेकिन चुनाव की तारीख तयः डेमोक्रेट्स ट्रंप के इस ट्वीट को विपक्षी डेमोक्रेट्स ने हार का डर बताया है. विपक्ष का कहना है कि इसलिए ट्रंप हार के लिए नया रास्ता तलाश रहे हैं. डेमोक्रेटिक नेता क्रिस वान हौलेन ने कहा, “ये निशानी है कि उन्हें हार का डर सता रहा है. ट्रंप सर्वेक्षणों में हार रहे हैं. वो नया रास्ता तलाश रहे हैं.”
हौलेन ने साथ ही कहा कि ट्रंप के पास चुनाव को लेकर किसी तरह का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें यह तय करने का अधिकार ही नहीं है. संविधान ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को ये ताकत दी है और चुनाव की तारीख तय है.”
कोरोना से निपटने को लेकर ट्रंप की हो रही आलोचना दरअसल, मार्च-अप्रैल के महीने में जब अमेरिका में इसका विस्फोट हुआ, तब से अब तक हालात में खास सुधार नहीं हुआ है. इतना ही नहीं, इस पूरी अवधि में महामारी से निपटने के ट्रंप के प्रयासों को लेकर उनकी आलोचना हुई है और कहा जा रहा है कि उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत को इस महामारी से बचाने में लापरवाही की.
देश में अभी भी लगातार 50-60 हजार से ज्यादा मामले रोजाना आ रहे हैं, जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें भी रोज हो रही हैं. दुनियाभर में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमण और सबसे ज्यादा मौत के मामले में अमेरिका अभी भी पहले स्थान पर कायम है.
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