वाशिंगटनः दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गुरुवार को उसपर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस प्रतिबंध के कारण आने वाले समय में 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले जो बाइडेन के लिए चीन के साथ संबंध मुश्किल में आ सकते हैं. इसके साथ ही शासन के अंतिम दिनों में ट्रंप प्रशासन ने चीन के कई अधिकारियों और उनके परिवारों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाए हैं.


चीन की तेल कंपनी पर लगा प्रतिबंध


ट्रंप प्रशासन ने चीन की सरकारी तेल कंपनी "चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉरपोरेशन" के साथ कारोबार खत्म करने की बात कही है. ट्रंप प्रशासन ने "चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉरपोरेशन" को उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है जिसके साथ अमेरिकी नागरिक कारोबार नहीं कर सकते. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि वह तब तक कार्रवाई करना जारी रखेंगे, जब तक बीजिंग दक्षिण चीन सागर में आक्रामक व्यवहार करना बंद नहीं करता है.


चीन समेत 6 देशों को विरोधी देश बताया


वहीं अमेरिका ने चीन सहित पांच देशों से प्रौद्योगिकी और संचार उपकरणों की खरीद को खत्म करने के लिए नए नियमों की घोषणा की है. वाणिज्य विभाग ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी और सेवाओं (ICTS) के लिए आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नए नियम की घोषणा की है. विभाग ने चीन के अलावा निकोलस मादुरो शासन के तहत रूस, ईरान, उत्तर कोरिया, क्यूबा और वेनेजुएला को भी विरोधी देश के रूप में नामित किया है.


अमेरिकी वाणिज्य विभाग के सचिव विल्बर रॉस ने राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और ICTS लेन-देन से संबंधित सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक अंतरिम नियम जारी किया है. बयान में कहा गया है कि 'यह नियम हमारे देश की आईसीटीएस सीरीज के प्रति विश्वास को बनाए रखेगा. इस नियम के तहत छह विदेशी सरकारों या विदेशी गैर-सरकारी व्यक्तियों की पहचान विदेशी विरोधियों के रूप में की जाती है.'


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