Vivek Ramaswamy: विवेक रामास्वामी पर लगे सनसनीखेज आरोप, जानिए किसने कहा-'वो पागल हैं और...'
United States: भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका में बड़े बिजनेसमैन हैं. जब वह छोटे थे तभी उनके माता-पिता केरल से अमेरिका में सेटल हो गए थे. 2014 में इन्होंने रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की थी.
Vivek Ramaswamy Latest News: भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी वहां अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी के दावेदार हैं. उन्होंने हाल ही में अपनी डिबेट से काफी लोगों को प्रभावित किया है, लेकिन इन सबके बीच उन्हें लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कंपनी (रोइवंत साइंसेज और स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट) के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें एक विक्षिप्त और पागल नेता बताया है.
बिजनेस इनसाइडर ने रामास्वामी के 7 पूर्व कर्मचारियों का इंटरव्यू किया था. इसमें से एक कर्मचारी ने बताया कि वह सनकी हैं. उन्हें लगता है कि लोगों को उनकी सेवा करने के लिए इस धरती पर रखा गया है. हालांकि रामास्वामी के प्रवक्ता ने इन दावों को खारिज किया है.
'अजीब माहौल में करते हैं काम'
उनके पूर्व कर्मचारियों ने ये भी बताया कि वह ऑफिस में बहुत ही अजीब माहौल में काम करते हैं. वह ऑफिस का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस या इससे भी कम पर रखने को कहते हैं. कर्मचारियों के इस दावे की पुष्टि रामास्वामी के प्रवक्ता भी कर चुके हैं. इस व्यवस्था के लिए उन्होंने स्पेशल स्टाफ रखा था, जो होटल के कमरों में उनसे पहले पहुंचकर तापमान को चेक करता था. रिपोर्ट के मुताबिक, ठंडे तापमान के बाद भी अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो वह अपना आपा खो देते हैं.
'जरा सी बात पर खो देते थे आपा'
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट में रोइवंत में रामास्वामी के साथ काम करने वाले एक पूर्व कर्मचारी ने बताया कि “वह कड़ी मेहनत करते थे और दूसरों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद करते थे. जब उनके कर्मचारी उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते थे तो वह अक्सर अपना आपा खो देते थे. एक बार, जब एक सहकर्मी ने उन्हें जल्दी ऑफिस छोड़ने के लिए कहा, तो वह अपना आपा खो बैठे.
प्रवक्ता ने सभी दावों को बताया गलत
वहीं, दूसरी ओर रामास्वामी के प्रवक्ता मैकलॉघलिन ने कर्मचारियों की ओर से किए गए हर दावे को खारिज किया. बिजनेस इनसाइडर को मैकलॉघलिन ने बताया कि, "विवेक जब किसी को काम पर रखते हैं हो यह मानते हैं कि उन्होंने जिस भी मिशन के लिए उसे साइन अप किया है, उसे उसकी सेवा करनी चाहिए." उन्होंने आगे कहा, “रामास्वामी ने कभी भी अपनी आवाज नहीं उठाई या कर्मचारियों के साथ गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है.”
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