Joe Biden Administration Report: अमेरिका के लिए रूस से भी बड़ा खतरा है चीन, पलट सकता है पूरी दुनिया के समीकरण
America News: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पेश की है. इसमें चीन को अमेरिका का इकलौता प्रतिस्पर्धी बताया गया है. नीति में रूस को लेकर भी प्रतिक्रिया दी गई है.
Joe Biden Administration: अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बाइडेन के प्रशासन (Joe Biden Administration) ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (National Security Strategy) को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में जो बातें कही गई हैं, उससे चीन (China), अमेरिका (America) के लिए रूस (Russia) से भी बड़ा खतरा नजर आता है और पूरी दुनिया (World) के समीकरण पलट सकता है.
दरअसल, राष्ट्रपति बाइडेन की टीम ने चीन को अमेरिका का इकलौता प्रतिद्वंदी बताया है. हालांकि, उसने यह भी कहा है कि अमेरिका चीन के साथ आगे संघर्ष नहीं तलाश रहा है. वहीं, बाइडेन की टीम ने रूस को ऐसा खतरा बताया है, जिसके कारण एक नई रक्षा रणनीति में विवश होना पड़ता है. रूस की वजह से बनी मुद्रास्फीति की स्थिति को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है.
बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह कहा
राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार (12 अक्टूबर) को कहा, ''अमेरिका एक निर्णायक दशक के शुरुआती वर्षों में है, जिसमें चीन के साथ हमारी प्रतिस्पर्धा की शर्तें निर्धारित की जाएंगी.''
जेक सुलिवन ने बाइडेन प्रशासन की लंबे समय से लंबित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के जारी होने के बाद जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में कहा, ''देश और विदेश में चीन का व्यवहार आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में एक अनुदार दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है.'' हालांकि, यह माना जाता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण ने अमेरिकी कांग्रेस को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उसके जरूरी दस्तावेज को फिर से लिखने के लिए प्रेरित किया, जिस पर व्हाइट हाउस की सोच निर्भर करती है.
रूस को लेकर बाइडेन प्रशासन की टिप्पणी
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सुलिवन ने कहा, ''रणनीति निर्माण में यह युद्ध बड़ा हो गया है जैसा कि इसको होना चाहिए, लेकिन हम नहीं मानते हैं कि इसने सूरज को ढंक दिया है.'' अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के 48 पन्नों के नए सार्वजनिक दस्तावेज में चीन और रूस को एक-दूसरे के साथ तेजी से गठबंधन करने वाले देशों के रूप में बताया गया है, लेकिन यह भी कहा गया है कि दोनों देश अलग-अलग चुनौतियां पेश करते हैं.
अमेरिकी दस्तावेज चीन को अमेरिका का एकमात्र प्रतियोगी बताता है. इसके पीछे चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को फिर से आकार देने के इरादे और आर्थिक, राजनयिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति के साथ आगे बढ़ने के कदम को वजह बताया गया है. बाइडेन प्रशासन ने चीन को जहां उसका इकलौती कॉम्टीटर बताया है तो रूस को एक बहुत ही खतरनाक ताकत के रूप में वर्णित करते हुए उसे एक चुनौती माना है.
और क्या कहा बाइडेन प्रशासन ने?
बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने 600 दिनों से ज्यादा की रणनीति जारी की, जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने 300 दिन से ज्यादा की रणनीति जारी की थी. ट्रंप के दस्तावेज ने चीन और रूस को समान खतरों के रूप में बताया था.
बाइडेन प्रशासन की रणनीति के अनुसार, 2030 के दशक तक अमेरिका को पहली बार दो प्रमुख परमाणु शक्तियों को रोकने की आवश्यकता होगी. सुलिवन ने कहा, ''हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे सामने आने वाले खतरों के प्रति हमारी परमाणु निवारक प्रतिक्रिया बनी रहे. हम अमेरिकी परमाणु शक्ति का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और साथ ही अपने सहयोगियों के लिए अपनी विस्तारित प्रतिरोधक प्रतिबद्धताओं को मजबूत कर रहे हैं.'' सुलिवन ने कहा कि अमेरिका, चीन के साथ संघर्ष नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा खोज रहा है. उन्होंने कहा, ''हम एक नए शीत युद्ध की तलाश नहीं कर रहे हैं."
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