Joe biden Farewell Speech 2025: अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ओवल ऑफिस से अपनी आखिरी फेयरवेल स्पीच में देश को कई गंभीर मुद्दों से आगाह किया. उन्होंने खासकर देश में दौलतमंदों (oligarchy) के बढ़ते प्रभाव और गलत सूचनाओं के खतरे पर जोर दिया. बाइडेन ने कहा कि यह समस्याएं अमेरिकी लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं.
बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका में मुट्ठीभर दौलतमंदों के हाथों में शक्ति का केंद्रीकरण देश के लोकतंत्र को खतरे में डाल रहा है. उन्होंने चेताया कि इससे आम लोगों के बुनियादी अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं और निष्पक्ष अवसरों का अंत हो सकता है. बाइडेन ने कहा, "देश को इनके चंगुल से बाहर निकालना होगा. अमेरिका का मतलब है कि सभी को निष्पक्ष मौके मिलें."
गलत सूचनाओं और स्वतंत्र मीडिया पर दिया बयान
बाइडेन ने अपने संबोधन में गलत सूचनाओं और स्वतंत्र मीडिया पर पड़ते दबाव को भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि आज प्रेस पर भारी दबाव है और स्वतंत्र मीडिया खत्म हो रही है. उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं का भंवर अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, जिससे निपटना आवश्यक है.
लोकतंत्र का सम्मान
बाइडेन ने अमेरिका को लोकतंत्र का प्रतीक बताते हुए कहा, "अमेरिका होने का मतलब लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना है. लगभग पचास सालों के राजनीतिक जीवन के बाद मैं कह सकता हूं कि अमेरिका होने का मतलब लोकतंत्र का सम्मान है." उन्होंने यह भी कहा कि खुला समाज और स्वतंत्र प्रेस अमेरिकी लोकतंत्र की आधारशिला हैं.
प्रशासन की उपलब्धियां
अपने प्रशासन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बाइडेन ने कहा कि नाटो को और सशक्त करना, गन सेफ्टी कानूनों को लागू करना और बुजुर्गों के लिए दवाओं की कीमतें कम करना उनके कार्यकाल की कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं. उन्होंने कहा कि इन नीतियों का दीर्घकालिक लाभ देश को मिलेगा.
जो बाइडेन का आखिरी संबोधन
जो बाइडेन का यह आखिरी संबोधन अमेरिका के सामने मौजूद चुनौतियों पर केंद्रित था. उन्होंने दौलतमंदों के बढ़ते वर्चस्व, गलत सूचनाओं और लोकतंत्र के प्रति सम्मान जैसे मुद्दों को उठाते हुए देश को इन खतरों से आगाह किया. बाइडेन का यह संबोधन उनके प्रशासन की एक महत्वपूर्ण यादगार के रूप में याद किया जाएगा.
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