Indian-American CEOs Appointed to Biden Advisory Committee: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने शुक्रवार (10 मार्च) को भारतीय मूल की दो हस्तियों को अपनी व्यापार नीति और वार्ता वाली सलाहकार समिति में नामित किया. फ्लेक्स (Flex) कंपनी की सीईओ रेवती अद्वैती (Revathi Advaithi) और एक एनजीओ नेशनल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल के सीईओ मनीष बापना (Manish Bapna) को बाइडेन प्रशासन में यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने शुक्रवार को 14 लोगों को सलाहकार समिति में शामिल करने के अपने इरादे की घोषणा की. सलाहकार समिति अमेरिकी व्यापार नीति के लिए सलाह प्रदान करती है. कौन हैं रेवती अद्वैती और मनीष बापना, आइये विस्तार से जानते हैं.
रेवती अद्वैती का प्रोफाइल
रेवती अद्वैती इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फ्लेक्स में 2019 से सीईओ के पद पर हैं. व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया है कि 2019 में फ्लेक्स में सीईओ बनने के बाद से अद्वैती कंपनी की रणनीतिक दिशा तैयार करने और एक बदलाव के जरिये उसका नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदार रही हैं. उनका योगदान मैन्युफैक्चरिंग में नए युग को परिभाषित कर रहा है.
फ्लेक्स से पहले अद्वैती इलेक्ट्रिकल सेक्टर वाली ईटन कंपनी में प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की भूमिका में थीं, जिसमें एक लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. उन्होंने Uber और Catalyst.org के निदेशक मंडल में भी काम किया है. अद्वैती विश्व आर्थिक मंच (WEF) के उन्नत विनिर्माण सीईओ समुदाय की सह-अध्यक्ष हैं और CEO क्लाइमेट लीडर्स के WEF एलायंस में शामिल हुई थीं.
अद्वैती को फॉर्च्यून की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में लगातार चार वर्षों तक शामिल किया गया और भारत में बिजनेस टुडे ने भारत की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में उन्हें जगह दी. उन्होंने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली है और थंडरबर्ड स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट से एमबीए किया है.
कौन हैं मनीष बापना?
मनीष बापना की एनजीओ पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती है. पर्यावरण संबंधी कानूनों के निर्माण में उनका योगदान बताया जाता है. 25 साल का उनका करियर है. इस दौरान गरीबी और जलवायु परिवर्तन के मूल कारणों से निपटने में उन्होंने खासा योगदान दिया है.
हाल में उन्होंने विश्व संसाधन संस्थान के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया. यह संस्था 14 वर्षों से ज्यादा समय से पर्यावरण और मानव विकास के लिए समर्पित है.
उनकी ट्रेनिंग एक अर्थशास्त्री के रूप में हुई है. करियर की शुरुआत में उन्होंने मैक्किंजे एंड कंपनी और विश्व बैंक में काम किया था. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस, पॉलिटिकल और इकोनॉमिक डेवलपमेंट में मास्टर ड्रिगी ली है. इसके अलावा उन्होंने एमआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री ली है.
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