ह्यूस्टन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी एयरस्ट्राइक ईरान के लिए एक चेतावनी है. उन्होंने कहा कि इसे ईरान को एक वार्निंग के रूप में देखना चाहिए. शुक्रवार को ह्यूस्टन में उन्होंने यह बात कही.


इससे पहले बाइडेन की प्रेस सचिव जेन साकी ने स्ट्राइक को एक मैसेज बताया था और कहा कि बाइडेन ने यह कदम अमेरिकियों की रक्षा के लिए उठाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को खतरे से निपटने के लिए कार्रवाई करने और उसके तरीके के चयन का अधिकार है. साकी ने कहा कि स्ट्राइक के पीछे बाइडेन का उद्देश्य सीरिया और इराक में अमेरिका विरोधी गतिविधियों को कम करना था.


इराक में किए जा रहे हमलों का जवाब स्ट्राइक
पेंटागन ने कहा कि गुरुवार की स्ट्राइक में 22 मिलिशिया मेंबर मारे गए, यह स्ट्राइक इराक में अमेरिकी सैनिकों को टारगेट करके लगातार किए जा रहे रॉकेट हमलों के जवाब में की गई थी. इन हमलों में से एक 15 फरवरी को कुर्द क्षेत्रीय राजधानी आर्बिल में एक सैन्य परिसर पर किया गया था. इसमें एक नागरिक और गठबंधन बलों के साथ काम करने वाले एक विदेशी कॉन्ट्रैक्टर की मौत हुई थी और कई अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर सहित एक सैनिक को घायल हुआ था.


हाल ही के हमलों के लिए इन लोकेशंस का हुआ था इस्तेमाल
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि दो एफ -15 ई "स्ट्राइक ईगल्स" ने सात प्रिसिशन गाइडेड मूनिशन को गिराकर नौ फैसिलिटीज को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और दो फैसिलिटीज को आंशिक रूप से डेस्ट्रॉय किया.


किर्बी ने कहा कि सीरिया-इराक सीमा के पास टारगेटेड लोकेशन को ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप की गतिविधियों के लिए सुविधाजनक स्थान के रूप जाना जाता था. उन्होंने कहा कि हताहतों के बारे में प्रारंभिक डिटेल मिली हैं . उन्होंने कहा कि इन लोकेशंस का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ हाल के हमलों के लिए किया गया था.


यह भी पढ़ें


खशोगी की हत्या संबंधी अभियान को सऊदी अरब के राजकुमार ने दी थी मंजूरी: अमेरिकी अधिकारी


दुनिया में आज मनाया जा रहा World NGO Day, जानिए कैसे पड़ी नींव