वॉशिंगटन: तालिबान ने मंगलवार को कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी है. तालिबान द्वारा अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने तालिबान, चीन, रूस, पाकिस्तान और ईरान को लेकर बड़ा बयान दिया है. बाइडेन ने कहा है कि तालिबान के साथ चीन की कुछ समस्याएं हैं, इसलिए वे तालिबान के साथ कुछ समझौता करने की कोशिश कर रहा है.


अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया था कि क्या उन्हें इस बात की चिंता है कि चीन तालिबान को धन मुहैया कराएगा. इस सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा, जैसा पाकिस्तान करता है, वैसा ही रूस करता है, वैसा ईरान करता है. वे सभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अब क्या करते हैं.


बता दें, तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है. तालिबान के पिछले शासन के अंतिम सालों में अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था. अमेरिका के साथ वार्ता का नेतृत्व करने वाले मुल्ला गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. बरादर ने अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था.


इस सरकार में गैर-तालिबानियों को जगह दिए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सबसे बड़ी मांग है कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार का गठन होना चाहिए. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए कहा कि यह नियुक्तियां अंतरिम सरकार के लिए की गई हैं. उन्होंने यह नहीं बताया कि मंत्रिमंडल में शामिल लोगों का कार्यकाल कितना लंबा होगा और कैबिनेट में बदलाव के क्या मानदंड होंगे. अब तक, तालिबान ने चुनाव कराने का कोई संकेत नहीं दिया है.


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