America-China Relation: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने टॉप मिलिट्री एडवाइजरों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका कभी भी चीन (China) के साथ संघर्ष नहीं चाहता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी यह बात जानते हैं. इसके साथ ही बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन में रूस के हमले से लेकर जलवायु परिवर्तन से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र तक कई मुद्दों पर अमेरिका नेतृत्व करना जारी रखेगा. 


हाल ही में अमेरिकी सैन्य ताकत को लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई थी. इसमें साफ तौर पर दिखाया गया है कि वैश्विक पटल पर अमेरिका की गिनती भले ही आर्थिक तौर पर सबसे मजबूत राष्ट्रों के रूप में होती है, लेकिन रक्षा के मामले में उसकी सेना एक युद्ध जीतने में सक्षम नहीं है. अमेरिकी सेना के जवान चीन और रूस से संभावित खतरों से लड़ने में कमजोर हैं. इस रिपोर्ट के बाद जो बाइडेन की टॉप मिलिट्री एडवाइजरों से मुलाकात की है. 


चीन से संघर्ष नहीं चाहता है अमेरिका 


जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि वह चीन से अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहता है. हालांकि वह यूक्रेन में रूस के हमले को लेकर नेतृत्व करना जारी रखेगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि एक तरफ रूस ने यूक्रेन पर युद्ध जारी रखा है तो दूसरी ओर चीन प्रशांत क्षेत्र में तेजी से आक्रामक हो रहा है. इस स्थिति में दोनों ओर से लड़ाई अमेरिकी सेना को मुश्किल में डाल सकती है. ऐसे में अब बाइडेन में साफ कहा है कि वह चीन से संघर्ष नहीं चाहते हैं. 


भारत-अमेरिका के बीच होगी मिलिट्री एक्सरसाइज


बता दें कि, भारत और अमेरिका की सेनाएं इसी महीने एलएसी के करीब उत्तराखंड के औली में हाई-आल्टिट्यूड मिलिट्री एक्सरसाइज करने जा रही हैं. भारत और अमेरिकी की सेनाओं के बीच साझा युद्धाभ्यास का ये 15वां मौका है. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज होती है जिसे 'युद्धाभ्यास' के नाम से जाना जाता है. ये 15 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच होगी. 


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