US Elections 2024 : संयुक्त राज्य अमेरिका में आज राष्ट्रपति का चुनाव है. यह दिन पूरे अमेरिका के लिए काफी अहम हो जाता है. लंबे समय से इस चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस दोनों एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. हालांकि इस चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है. आज यानी 5 नवंबर (मंगलवार) को भारतीय समयनुसार 4:30 से वोटिंग शुरू होगी. कुछ वक्त बाद दुनिया को पता चल जाएगा कि सबसे ताकतवर और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में शामिल अमेरिका का नेतृत्व किसके हाथों में होगा.
हालांकि दोनों प्रत्याशियों में टफ फाइट है. ऐसे में अब सवाल यह है कि अगर अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को बराबर वोट मिले यानी दोनों के बीच मुकाबला टाई हो गया तो यह कैसे तय होगा कि कौन जीता?
कैसे होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव
अमेरिकी व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति बनने के लिए फैसला 538 सदस्यों वाले ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ से होता है, जिसमें अमेरिका के हर राज्य को उतने इलेक्टर मिलते हैं, जितने उनके प्रतिनिधि अमेरिकी कांग्रेस में होते हैं.
नेब्रास्का और मेने को छोड़कर प्रत्येक राज्य अपने सभी इलेक्टोरल वोट उसे ही देता है जो राज्यव्यापी वोटों में सबसे आगे रहता है. अगर दोनों प्रत्याशी 270 इलेक्टोरल वोट से कम हासिल करते हैं तो अमेरिकी संविधान के मुताबिक फिर कांग्रेस इस संबंध में फैसला करेगी. जिसके बाद नए चुने हुए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति का चयन करेंगे. वहीं, सीनेट उपराष्ट्रपति का चयन करेंगे.
क्या सच में टाई हो सकता है मुकाबला?
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर हुए सर्वे में अब तक दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे को कांटे की टक्कर देते दिख रहे हैं. अगर एक ओर डेमोक्रेट कमला हैरिस स्विंग स्टेट विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेंसिल्वेनिया राज्यों में जीत हासिल करती है और वहीं, रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप जॉर्जिया, नेवादा, एरिजोना, नॉर्थ कैरोलिना और नेब्रास्का में जीत हासिल करते हैं. तो ऐसे में मुकाबला बराबरी का हो सकता है.
अमेरिकी संविधान में इसके लिए क्या है नियम?
संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल 50 राज्य हैं. तो दोनों उम्मीदवारों को जीतने के लिए कम से कम 26 राज्यों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए. सीआरएस यानी कांग्रेस रिसर्च सर्विस के मुताबिक, अगर चुनाव किसी कारण से टाई होता है तो फिर इस स्थिति में प्रत्येक राज्य को एक वोट डालने का अधिकार होता है. प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधिमंडल को अपने पसंद के उम्मीदवार को एक वोट डालने की अनुमति होगी, जिसके बाद फैसला होगा राष्ट्रपति चुनाव कौन जीता.