US Presidential Election: अमेरिका का विरोध करने वाले देशों को सबक सिखाएंगी निक्की हेली, चीन- पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
US Presidential Election: रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो वह अमेरिका से नफरत करने वाले देशों की फंडिंग बंद कर देंगी. उनके लिस्ट में चीन-पाक सबसे ऊपर हैं.
US Presidential Election: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का एलान करने वाली रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने चीन और पाकिस्तान के लिए कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर सत्ता में आती हैं तो वह अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को मिलने वाली विदेशी सहायता में एक-एक फीसदी की कटौती करेंगी .
निक्की हेली की लिस्ट में चीन और पाकिस्तान सबसे ऊपर हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं करेगा. बता दें कि हेली ने अपने चुनाव प्रचार की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार हेली को पसंद करने वालीं की संख्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी ज्यादा है. इस खबर के बाद से हेली कुछ अधिक उत्साहित है और बाइडन सरकार पर लगातार निशाना साध रही है.
अमेरिका के विरोधियों की फंडिंग होगी बंद
न्यूयॉर्क पोस्ट में एक ओपिनियन लेख में उन्होंने कहा कि मैं उन देशों के लिए विदेशी सहायता में हर प्रतिशत की कटौती करूंगी, जो हमसे नफरत करते हैं. एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं करेगा. अपने लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद नहीं किया जाएगा. जो हमारे विरोध में खड़े हैं उनके साथ हम वैसा ही सलूक करेंगे.
पाकिस्तान और चीन को सबक सिखाएंगी हेली
हेली ने आगे लिखा है कि मैं अपने दुश्मनों को मदद के तौर पर भेजी जा रही फंडिंग को पूरी तरह रोक दूंगी. बाइडन सरकार पाकिस्तान, चीन, ईरान, बेलारूस, क्यूबा की मदद कर रही है. ये सभी देश हमारे विरोध में सुर अलापते हैं. हेली ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और इराक को मदद भेजी जाती है, जहां अमेरिका का विरोध होता है और आतंकी संगठन सक्रिय हैं. अमेरिकी टैक्सदाताओं का पैसा अभी भी कम्युनिस्ट चीन के पास कुछ हास्यास्पद जलवायु परिवर्तन से जुड़े कार्यक्रमों के नाम पर जा रहा है.
बेलारूस और क्यूबा को मदद क्यों
उन्होंने आगे कहा कि बेलारूस तक को अमेरिकी सरकार मदद भेज रही है, जो कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे करीबी दोस्त है. हम कम्युनिस्ट देश क्यूबा को भी मदद भेजते हैं, जहां की सरकार ने हमें आंतकवाद का प्रायोजक करार देती है. ऐसे देशों को आखिर अमेरिका मदद क्यों कर रहा.
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