US Presidential Election: जहां गोली चली वहीं ट्रंप ने की रैली, एलन मस्क भी पहुंचे, बोले- सीढ़ी नहीं चढ़ पाते बाइडेन
US Presidential Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ट्रंप ने एक बार फिर उसी जगह पर रैली की है, जहां पर उनके ऊपर गोली चलाई गई थी. ट्रंप ने कहा कि उनकी आवाज को कोई बंद नहीं कर सकता है.
US Presidential Election: अमेरिका के भीतर नवंबर महीने में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार कमला हैरिस पूरी ताकत लगा रही हैं. इस बीच शनिवार को एक बार फिर ट्रंप पेंसिल्वेनिया के बटलर में रैली को संबोधित करने पहुंचे. यह वही जगह है, जहां पर 13 जुलाई को ट्रंप के ऊपर गोली चली थी और कान को छूते हुए निकल गई थी. इस हमले में एक शख्स की मौत भी हुई थी. शनिवार की रैली में ट्रंप के साथ टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी नजर आए.
बुलेट प्रूफ कांच के पीछे खड़े होकर ट्रंप ने अपने भाषण की शुरुआत वहीं से की, जहां से 13 जुलाई को उन्होंने बंद किया था. ट्रंप ने कहा, '12 सप्ताह पहले ठीक इसी जगह पर एक हत्यारे ने मेरी हत्या करने की कोशिश की थी. उस दिन 15 सेकेंड के लिए समय रुक गया था, लेकिन वह हत्यारा अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका.' इस दौरान ट्रंप के पीछे एलन मस्क उछलते नजर आए और जनता को खुश करने का प्रयास किया.
एलन मस्क ने ट्रंप की रैली में क्या कहा?
एलन मस्क ने कहा कि 'अमेरिका में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए ट्रंप का जीतना जरूरी है. इस चुनाव में यदि ट्रंप की जीत नहीं हुई तो यह अमेरिका का आखिरी चुनाव होगा.' भाषण के दौरान एलन मस्क ने राष्ट्रपति जो बाइडेन पर तंज कसते हुए कहा, एक तरफ हमारे राष्ट्रपति ठीक से सीढ़ी नहीं चढ़ पाते. दूसरी तरफ ट्रंप गोली लगने के बाद भी मैदान में डटे हैं. मस्क ने कहा कि इस बार यदि डेमोक्रेटिक पार्टी जीती, तो वह देश में स्विंग स्टेट्स को खत्म कर देगी. इसके बाद अमेरिका में सिर्फ एक ही पार्टी बचेगी.
AR-15 राइफल से दागी गई थी 8 गोलियां
एलन मस्क के अलावा जनसभा को ट्रंप के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए गोली खाई है. दरअसल, 13 जुलाई को पेन्सिल्वेनिया के बटलर शहर में एक रैली को संबोधित करने के दौरान ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ था. हमलावर की पहचान 20 साल के युवक थॉमस क्रूक्स के रूप में हुई थी. क्रूक्स ने AR-15 राइफल से ट्रंप के ऊपर 8 गोलियां चलाई थीं, इसके बावजूद ट्रंप बच गए थे. फायरिंग के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस के अफसरों ने हमलावर को मार गिराया था.