अमेरिका में इस बार एक सदी के इतिहास में हो सकता सबसे ज्यादा मतदान, दिखीं लंबी-लंबी कतारें
अमेरिका में करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोग हैं जिनमें से 25 लाख मतदाता हैंमतदान खत्म होने के कुछ ही घंटे बाद विजेता की घोषणा होने की संभावना नहीं है
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वॉशिंगटन: कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच करीब 10 करोड़ अमेरिकी पूर्व-मतदान में अपना वोट डाल चुके हैं. देशभर से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने के लिए अपने घर से निकल रहे हैं. कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें देखी गयी. लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका के एक सदी के इतिहास में इस बार सबसे ज्यादा मतदान हो सकता है. इस साल करीब 23.9 करोड़ लोग मताधिकार के योग्य हैं.
डाक वोटों की गिनती में कुछ राज्यों में कुछ दिन या सप्ताह लग सकते हैं और इससे तय है कि मंगलवार को मतदान खत्म होने के कुछ ही घंटे बाद विजेता की घोषणा होने की संभावना नहीं है. अमेरिका में करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोग हैं जिनमें से 25 लाख मतदाता हैं. यहां 13 लाख से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी टेक्सास, मिशिगन, फ्लोरिडा और पेनसिल्वेनिया जैसे अहम राज्यों के मतदाता हैं. मतदान का समय अलग-अलग राज्यों के लिए अलग है.
भारतीय मूल के कई अमेरिकी नेता चुनावी दौड़ में... भारतीय मूल की कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं, वह मतपत्रों में शीर्ष पर बनी हुई हैं. इसके अलावा मंगलवार को संपन्न होने वाले चुनावों में कई भारतीय-अमेरिकी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (निचला सदन) के चार सदस्य अमी बेरा, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और राजा कृष्णमूर्ति सभी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से एक और कार्यकाल के चुने जाने के लिए आश्वस्त हैं.
उनके साथ ड्रेमोक्रेटिक पार्टी से ही दो और मजबूत दावेदार भी हैं, जो चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. टेक्सास में प्रेस्टन कुलकर्णी और एरिजोना में हिरल टिपिरनेनी अपने रिपब्लिकन दावेदारों के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ रहे हैं. कुलकर्णी के पिता भारतीय और मां श्वेत अमेरिकी हैं और वह राजनीति में कदम रखने से पहले राजनयिक रह चुके हैं और टिपिरनेनी डॉक्टर हैं.
रियल एस्टेट एजेंट निशा शर्मा कैलिफोर्निया से रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में हैं. यह एक डेमोक्रेटिक निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है, इसलिए उनके लिए यहां से जीत पाना बड़ी चुनौती है. अगर वह वाइस प्रेसिडेंसी जीतती हैं तो हैरिस सीनेट में नहीं होंगी.
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