अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के 225 साल से अधिक पुराने इतिहास में पहली बार मुकाबला दो सबसे बूढ़े उम्मीदवारों के बीच है. व्हाइट हाउस के लिए दूसरी पारी हासिल करने में जुटे डोनाल्ड ट्रंप 74 साल के हैं. वहीं राष्ट्रपति पद की रेस में उनके सामने खड़े जो बाइडन 77 साल के हैं. यानी जॉज वाशिंगटन से लेकर अब तक हुए राष्ट्रपतियों की कतार में 2020 की चुनावी दौड़ का विजेता अमेरिका का सबसे बूढ़ा सुप्रीम कमांडर होगा.
ट्रंप जब 2016 में चुनाव जीतकर व्हाइट हाऊस पहुंचे थे तभी वो सबसे उम्रदराज अमेरिकी राष्ट्रपति का मुकाम हासिल कर चुके थे. ऐसे में अगर उन्हें दूसरा कार्यकाल मिलता है तो उसके पूरा होने तक उनकी उम्र 78 साल से अधिक होगी. वहीं अगर जो बाइडन व्हाइट हाउस की कमान संभालते हैं तो अपना पहला कार्यकाल पूरा करने तक वो 81 बसंत देख चुके होंगे. यह अमेरिका में 78.54 वर्ष की औसत जीवन से अधिक है.
थियोडर रूजवेल्ट सबसे कम में बने राष्ट्रपति
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से पहले सबसे अधिक उम्र तक व्हाइट हाउस में रहले वाले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे. अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने तक उनकी उम्र 77 वर्ष हो चुकी थी. अमेरिकी राष्ट्रपतियों की फेहरिस्त में सबसे कम उम्र में यह पद संभालने वाले थियोडर रूजवेल्ट थे जिन्हें 25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की हत्या के बाद यह जिम्मेदारी मिली थी. राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़कर व्हाइट हाऊस पहुंचने वाले जॉन एफ कैनेडी थे जो 43 वर्ष की आयु में अमेरिका के सुप्रीम कमांडर बन गए थे.
उप राष्ट्रपति की भूमिका होगी अहम
उम्र दराज राष्ट्रपति के कार्यकाल में उप-राष्ट्रपति की भूमिका काफी अहम हो जाती है. क्योंकि अमेरिकी संविधान के अनुसार यदि राष्ट्रपति की मृत्यु होती है या वो किसी बीमारी के कारण अपना कामकाज करने में अक्षम होता है अथवा पद छोड़ता है तो उसके स्थान पर उप-राष्ट्रपति को कमान संभालने होती है. ऐसा पहले कई बार हो चुका है. अमेरिका के ज्यादातर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाते रहे हैं. दूसरे कार्यकाल की चुनावी रेस में हारने वाले पिछले नेता का नाम जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश थे जिन्हें बिल क्लिंटन ने हराया था.
चमक सकती है कमला हैरिस की किस्मत
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन अगर राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो उनकी विजय भारतीय मां की संतान कमला हैरिस के लिए बड़ी संभावना खोल सकती है. बाइडन ने कमला को अपने साथ उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कमला के लिए आगे राष्ट्रपति बनने का रास्ता मजबूत होगा. वहीं यदि उम्रदराज बाइडन किसी कारण से अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते हैं तो उनके पास राष्ट्रपति पद संभालने का भी मौका बन सकता है.
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