US USCIRF On Religious Freedom: USCIRF चीफ ने भारत को बताया सीरिया, पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान, धार्मिक भेदभाव का लगा चुके आरोप
USCIRF: आज से 2 साल पहले यानी 2020 में भी USCIRF ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसके तहत उन्होंने भारत को कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न के कैटेगरी में लिस्टेड किया था.
US USCIRF On Religious Freedom: अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) के चीफ रब्बी अब्राहम कूपर ने एक बार फिर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के खिलाफ धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक भेदभाव भयावह स्तर पर पहुंच गया है. ये पहला मौका नहीं है, जब USCIRF के प्रमुख रब्बी अब्राहम कूपर ने भारत को लेकर धार्मिक भेदभाव से संबंधित रिपोर्ट पेश की है.
USCIRF ने दो महीने पहले यानी मई में एक रिपोर्ट पेश करते हुए जानकारी दी थी कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति चिंताजनक है. USCIRF ने अमेरिका-भारत द्विपक्षीय बैठकों के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाने और इस पर सुनवाई करने की सिफारिश की थी. हालांकि, USCIRF 2020 से विदेश विभाग को इसी तरह की सिफारिशें कर रहा है, जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है
भारत को 2019 में टियर 2 कंट्री के कैटेगरी में रखा
आज से 2 साल पहले यानी 2020 में भी USCIRF ने एक रिपोर्ट पेश किया, जिसके तहत उन्होंने भारत को कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न के कैटेगरी में लिस्टेड किया था. उन्होंने भारत को चीन, नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों की कैटेगरी में रखा था. वहीं साल 2019 के एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को USCIRF ने टियर 2 कंट्री के कैटेगरी में रखा था.
साल 2004 के बाद ये पहला मौका था, जब भारत को साल 2019 में टियर 2 कंट्री के कैटेगरी में रखा गया था. USCIRF ने भारत के खिलाफ International Religious Freedom Act (IRFA) के तहत कड़ी कार्रवाई करने का सुझाव दिया था.
भारतीय एजेंसियों और अधिकारियों पर बैन लगाने का सिफारिश
इस बार तो USCIRF ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत को धार्मिक भेदभाव वाले लिस्ट में अफगानिस्तान, सीरिया, नाइजीरिया और वियतनाम के साथ रखने की सिफारिश की है. उन्होंने भारतीय एजेंसियों और अधिकारियों के ऊपर आर्थिक चीजों से लेकर ट्रैवलिंग तक पर बैन लगाने की सिफारिश की है.