वाशिंगटनः अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बलिन्कन ने माना है कि पाकिस्तानी सरकार तालिबान और खास कर हक्कानी नेटवर्क को शह देता रहा है. उन्होंने कहा कि अब उसे अपन रवैया बदल अफगानिस्तान के बनिस्पत विश्व समुदाय का साथ देना होगा. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के लौटने और तालिबान के कब्ज़े के बाद पहली बार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बलिन्कन अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के सामने पेश हुए.
अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री बलिन्कन से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के लौटने, तालिबान के इतनी जल्दी अफगानिस्तान पर कब्ज़े, पाकिस्तान का तालिबान और हक्कानियो को समर्थन और अफ़्गानी औरतों के हकों को लेकर कई तीखे सवाल किए.
मैसाच्युसेट्स से कांग्रेस सदस्य बिल कीटिंग ने अमेरिकी विदेश मंत्री से सीधा सवाल किया कि पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI तालिबान और हक्कानियों का समर्थन करता रहा है ऐसे में अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों का नए सिरे से विशलेषण कैसे करेगा.
बिल कीटिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान का भी हवाला दिया जिसमे उन्होंने तालिबान के कब्ज़े के बाद कहा था कि अफगानिस्तान गुलामी से आज़ाद हो गया.
दो दशक से तालिबान का समर्थन कर रहा है पाकिस्तान
इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री बलिन्कन ने माना कि पाकिस्तान आज हीं नहीं बल्कि पिछले दो दशकों से तालिबान और हक्कानियो का समर्थन करता रहा है मगर अब उसे अपना रवैया बदलना होगा और अफगानिस्तान में विश्व समुदाय की उम्मीदों के मुताबिक काम करना होगा.
यही नहीं, समिति की बैठक में एक सांसद ने अमेरिकी विदेश मंत्री से ये भी पूछा कि जुलाई महिने में खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडन ने कम से कम दो दफा संसद को बताया था कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा इतनी जल्दी नहीं होगा, अगर ऐसे में राष्ट्रपति सांसदों को हीं गुमराह करेंगे तो कैसे प्रशासन पर भरोसा होगा.
जवाब में विदेश मंत्री एंटनी बलिन्कन ने कहा कि सरकार ने जो भी कहा था वो निरंतर किए ज रहे आंकलन के आधार पर कहा था और अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा इतनी जल्दी हो जाएगा ये खुफिया एजेंसियां भी नहीं समझ पाईं थीं .
अमेरिकी विदेश मंत्री से कैलिफोर्निया की एक महिला सांसद ने ये भी पूछा कि क्या महिलाओं के हको को लेकर तालिबान के साथ कोई समझौता हुआ था और अगर नहीं तो अब अफ़्गानी महिलाओं और बच्चों के हको को सुनिश्चित करने के लिए लिए अमेरिकी सरकार क्या करेगी?
अमेरिकी विदेश मंत्री ने जवाब में स्पष्ट कहा कि महिलाओं के हको को लेकर अलग से कोई समझौता नहीं हुआ था मगर वो जल्दी हीं अफगानिस्तान में महिलाओं के हको की सुरक्षा के लिए दूसरे देशों के साथ मिलकर रणनीति और तालिबान सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक प्रतिनिधि की नियुक्ति करेंगे.
कांग्रेस सांसद स्काट पैरी ने तो यहां तक आरोप लगाया कि पाकिस्तान अमेरिकी करदाताओ के पैसे से हक्कानी नेटवर्क और तालिबान का समर्थन करता रहा है ऐसे में अमेरिका को अब पाकिस्तान को और आर्थिक सहयोग नहीं देना चाहिए और गैर नैटो सहयोगी का दर्ज़ा भी छीन लेना चाहिए. आशीष कुमार सिंह की रिपोर्ट.
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