अमेरिका में नई सरकार बनने के बाद चीन को लेकर तनातनी के बीच यह कयासबाजी हो रही थी कि बाइडेन प्रशासन की तरफ से शायद उसके रुख में बीजिंग के प्रति पूर्ववर्ती ट्रंप सरकार के विपरीत कुछ नरमी हो. लेकिन, बाइडेन प्रशासन की तरफ से अब तक के जो संकेत मिले हैं उसके बाद यह साफतौर पर जाहिर होता है कि बाइडेन प्रशासन पूर्ववर्ती ट्रंप सरकार के रास्ते पर ही चीन के साथ अपने व्यवहार को जारी रखेगा.
अमेरिका के नव-नियुक्त विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने चीन के प्रति पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कठोर रुख को सही ठहराते हुए कहा है कि जो बाइडेन प्रशासन भी मजबूती के साथ ही बीजिंग से बातचीत करेगा.
सीएनएन के साथ साक्षात्कार में ब्लिंकेन ने चीन के प्रति ट्रंप के कठोर रुख पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से इस मामले को संभाला वह गलत था, लेकिन उनका मूल सिद्धांत सही था.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप चीन के प्रति कठोर रुख अपनाने के मामले में सही थे. यही सही कदम था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसमें अब हमें क्या करना है? हमें मजबूत स्थिति में रह कर चीन से बात करनी है. फिर चाहे वह संबंधों का कोई भी पहलू क्यों ना हो. भले ही वह सहयोगात्मक पहलू ही क्यों ना हो जो हमारे परस्पर हित में है, हमें मजबूत रहते हुए आगे बढ़ना होगा.’’
ब्लिंकेन ने कहा कि इसका अर्थ है, मजबूत सहयोगी तैयार करना. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम पीछे छूट जाएंगे और और चीन उस रिक्ति को भरेगा।’’