साल 2020 के मई महीने से ही भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तनाव जारी है. वहीं अमेरिका भी कई बार इस तनाव के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुका है. एक बार फिर अमेरिका ने इस तनाव के लिए चीन को ही दोषी ठहराया है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इस संबंध में अपने बयान में कहा कि, 'चीनी आक्रमकता की वजह से ही भारत और चीन के बीच खूनी झड़प हुई. अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि चीन के हठ के कारण ग्लोबल राष्ट्रों के संबंधों पर भी काफी असर पड़ा है'.
क्वॉड बैठक में भी चीन पर साधा निशाना
जापान के टोक्यों में हुई क्वॉड (Quad) बैठक में भी अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन को आड़े हाथों लिया. पोम्पिओ ने जहां एक तरफ कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर निशाना तो वहीं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और 'हिमालय' में चीन की गतिविधियों को लेकर भी चीन सरकार पर हमला बोला. हालांकि बैठक में शामिल बाकी देश सीधा चीन का नाम लेने से बचते नजर आए लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री ने चीन की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बता दें कि मंगलवार को टोक्यो में हुई बैठक में Quad ग्रुप के देशों (जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत) के विदेश मंत्री शामिल हुए थे.
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद गहरा चुका है
गौरतलब है कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद काफी बढ़ गया है. जिसके बाद दोनो देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर हिंसक झड़प की घटनाएं भी लगातार सामने आई हैं. 15 जून की रात को हुई घटना के बाद तो दोनों देशों की बीच सीमा पर तनाव काफी गहरा गया है. दरअसल 15 जून की रात ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी. इस झड़प में जहां भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे तो वहीं, चीन ने हिंसा के दौरान हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या को बताई ही नहीं थी. हालांकि, एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि झड़क में चीन के भी 43 के करीब सैनिक हताहत हुए थे.
नहीं निकल पाया है सीमा विवाद पर कोई हल
बहरहाल दोनों ही देशों के बीच लगातार सीमा पर हो हुई खूनी झ़ड़प के बाद तनाव को कम करने के लिए कई दौर की वार्ताएं भी हुई हैं. लेकिन चीन के अड़ियल रवैये व आक्रामक रुख के कारण अभी तक सीमा विवाद का हल नहीं निकल पाया है.
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