अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उईगर मुस्लिमों के धार्मिक स्वतंत्रता में कटौती को लेकर चीन की कड़ी आलोचना की. ‘वेक अप अमेरिका’ पर रोब श्मिट के साथ इंटरव्यू के दौरान माइक पोम्पियो ने लाखों उईगर मुस्लिमों पर जिस तरह का विनाशकारी अत्याचार कर रहा है उसको लेकर चीन की लताड़ लगाई. इसके साथ ही, पोम्पियो ने इसकी तुलना जर्मनी के नाजी से की, जिसने कुछ ऐसा ही जुल्मो-सितम 1930 के दशक में यहूदियों पर की थी.
गैर-चीनी दुनिया से उभरने वाले विभिन्न प्रमाणों से पता चलता है कि बीजिंग ने वास्तव में कोविड-19 महामारी के दौरान उईगर मुसलमानों के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए और अधिक लोगों को शिविरों में नजरबंद किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीनी सरकार की तरफ से किए जा रहे अत्याचार के पीड़ितों में से एक सायरागुल सौतबे ने इस बात की पुष्टि की है कि उईगर मुस्लिमों को “री-एजुकेशन कैम्पों” में हर शुक्रवार को सुअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है.
रोब श्मिट के कोरोना वायरस के गिरिजाघरों, पूजास्थलों पर असर को लेकर पूछे गए सवाल, जिसको लेकर दमनकारी शासन जैसे चीन इस स्थिति का इस्तेमाल उईगर को दबाने के लिए कर रहा है, इसका जवाब देते हुए माइक पोम्पियो ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता मौलिक अधिकारों में से एक है. पोम्पियो ने टिप्पणी करते हुए है- मैंने धार्मिक स्वतंत्रता पर जो काम किया है, उस पर मुझे गर्व है. यह सबसे मौलिक अधिकार है, यह मानवीय अधिकार है- जिससे अन्य सभी प्रवाहित होते हैं.