US Warship: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच जंग की संभावनाएं बढ़ती जा रही है. इस वजह से अमेरिका भी टेंशन में है, क्योंकि उसे अपने सहयोगी इजरायल की सुरक्षा करनी है. यही वजह है कि अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट कैरियर को मिडिल ईस्ट में उतार दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि गाइडेड मिसाइल पनडुब्बियों की भी तैनाती की गई है, जो इस वक्त इस इलाके के चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही हैं. 


दरअसल, अमेरिका मिडिल ईस्ट में युद्ध होने पर बद से बदतर हालात के लिए तैयारी कर रही है. रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ मिसाइल पनडुब्बियों को तैनात करने के लिए मंजूरी दी है. पेंटागन के मुताबिक, लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर को निर्देश दिया है कि वे तेज रफ्तार से समुद्र में यात्रा करें, ताकि उस जगह पर पहुंचा जा सके, जहां से पूरे इलाके पर नजर रखी जा सकती है.


इजरायल की रक्षा उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई: पेंटागन


पेंटागन ने अपने बयान में कहा, "रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इजरायल की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की प्रतिबद्ध दोहराई है. मिडिल ईस्ट में बढ़ रहे टेंशन को देखते हुए उन्होंने अमेरिकी सैन्य बल की स्थिति और क्षमताओं को मजबूत करने पर भी ध्यान दिया है." अमेरिका की तरफ से यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर और पनडुब्बियों को ऐसे समय पर यहां भेजा जा रहा है, जब अतिरिक्त फाइटर जेट्स और नौसेना के युद्धक जहाज पहले ही रवाना हो चुके हैं. 


क्या है यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर की खासियत?


यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें हमला करने के लिए खुद के हथियार लगे हुए हैं. पूरा एयरक्राफ्ट कैरियर 1092 फुट का है. इस पर एफ-35 सी लाइटनिंग 2 जेट्स का पूरा स्क्वाड्रन तैनात रहता है. ये लड़ाकू विमान अपनी स्पीड और खुफिया काबिलियत के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि एयरक्राफ्ट कैरियर पर एमएच-60एस हेलिकॉप्टर्स का एक पूरा स्क्वाड्रन भी तैनात है. 


एयरक्राफ्ट कैरियर में कई तरह की मिसाइलें भी लगाई गई हैं. निगरानी के उपकरण और रात में भी दुश्मन पर नजर रखने की काबिलियत वाले डिवाइस भी इसमें फिट किए गए हैं. एयरक्राफ्ट कैरियर पर आमतौर पर 60 से 70 एयरक्राफ्ट होते हैं, जिसमें लड़ाकू विमान से लेकर ट्रांसपोर्ट प्लेन और हेलिकॉप्टर शामिल हैं. एयरक्राफ्ट कैरियर की कीमत पांच अरब डॉलर (लगभग 40 हजार करोड़ रुपये) है. इसे 2003 में इराक युद्ध के समय भी मिडिल ईस्ट में तैनात किया गया था. 


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