US Shoplifting: अमेरिका में प्रमुख रिटेल की दुकानों पर टूथपेस्ट, चॉकलेट, वाशिंग पाउडर और डियोड्रेंट जैसी चीजों को लॉक करके रखा जा रहा है. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर टूथपेस्ट जैसी चीजों को लॉक करने की क्या वजह है. दरअसल, अमेरिका में इन दिनों दुकानों में होने वाली चोरी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. इसकी मुख्य वजह कोस्ट ऑफ लिविंग यानी रहने-खाने पर होने वाले खर्च का बढ़ना है. बढ़ती महंगाई की वजह से लोग चोरी पर उतर आए हैं. 


एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीददारी करने वाले लोगों का कहना है कि वे अब दुकानों पर जाने के दौरान डर रहे हैं. अमेरिका में दुकानों में चोरी को पूरे संगठित गिरोह के जरिए भी अंजाम दिया जा रहा है. वॉलमार्ट और टारगेट जैसे बड़े अमेरिकी रिटेलर्स, दवा की बड़ी कंपनियों सीवीएस और वॉलग्रीन्स समेत कई बड़े रिटेल आउटलेट्स ने दुकानों में होने वाली चौरी और हिंसा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि इसकी वजह से आय भी प्रभावित हुई है.


रिटेल आउटलेट्स ने क्या कहा?


दरअसल, रिटेल आउटलेट में चीजें खुद से उठाकर अपनी बास्केट में रखने का ऑप्शन होता है. लोगों की मदद के लिए सेल्समैन होते हैं, मगर लोग खुद ही अपनी जरूरत की चीजों को चुनते हैं और उन्हें शॉपिंग कार्ट में रखते हैं. हालांकि, इसकी वजह से चोरी की संभावना भी बढ़ जाती है. टारगेट के सीईओ ब्रायन कॉर्नवेल ने कहा कि इस साल के शुरुआती पांच महीनों में हमारी दुकानों पर चोरी की घटनाओं में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है. उनका कहना है कि अगर ऐसा चलता रहा, तो लंबे समय तक दुकानों को चलाए रखना मुश्किल हो सकता है. 


94.5 अरब डॉलर की चोरी!


नेशनल रिटेल फेडरेशन रिटेल सिक्योरिटी सर्वे 2022 के मुताबिक, अमेरिका के दुकानदारों को 2021 में 94.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. कर्मचारियों के जरिए दुकानों में की गई चोरी, दुकानों से हुई चोरी या कर्मचारियों की गड़बड़ी, वो मुख्य वजहें हैं, जिनकी वजह से रिटेलर्स को इतना बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. सर्वे में पता चला कि 2021 में दुकानों में होने वाले संगठिन अपराध में 26.5 फीसदी का इजाफा हुआ. इस सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना था कि महामारी के बाद से इस तरह की घटनाएं ज्यादा बढ़ी हैं. 


हिंसा और चोरी की वजह क्या है?


अमेरिका में बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए यूएस फेडरल रिसर्च ने लगातार ब्याज दरों में इजाफा किया है. कभी जीरो के आसपास रहने वाले ब्याज दरों को पिछले 18 महीनों में 5.5 फीसदी तक किया गया है. पिछले 22 सालों में ये सबसे ज्यादा है. बढ़ी हुई ब्याज दरों की वजह से न सिर्फ उधार लेना मुश्किल हो गया है, बल्कि कंपनियों के लिए खुद को मार्केट में फैलाना भी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. लोगों पर सीधे तौर पर महंगाई की मार नजर आ रही है. इस वजह से कुछ लोगों ने चोरी और हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया है. 


चोरी रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए? 


चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए दुकानों में ट्रांसपेरेंट दीवारें लगाई जा रही हैं. सामान को ट्रांसपेरेंट अलमारियों के भीतर रखा जा रहा है. लोग सामान को देख सकते हैं, मगर वह उसे निकाल नहीं सकते हैं, क्योंकि अलमारियों पर ताला लगाया गया है. फ्रीज को भी लॉक कर दिया गया है. कुछ जगहों पर अलमारियों के पास ही एक अलार्म बटन लगाया गया है. अगर किसी ग्राहक को कुछ चाहिए, तो वह अलार्म बटन दबाकर सेल्समैन को बुला सकता है. वहीं, कुछ दुकानें चोरी और घटते मुनाफे की वजह से बंद भी हो गई हैं. 


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