नई दिल्ली: अमेरिका ने चीन को जबरदस्त फटकार लगाया है. अमेरिका ने चीन को उसके दोहरे रवैये पर लताड़ लगाते हुए कहा है कि एक तरफ वो अपने देश में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ आतंकवादियों को यूएन प्रतिबंध से बचाने को बचाता है.


अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा है कि चीन अपने घर में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाता है.


जैश या मसूद का नाम लिए बिना पॉम्पियो ने बुधवार को ट्वीट किया, ''दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती. एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है.''





माइक पॉम्पियो का इशारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर की तरफ था. बता दें कि यूएन में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयास पर चीन चार बार अब तक वीटो कर रोक लगा चुका है.


बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा था, जिस पर चीन ने रोक लगा दी थी.


चीन ने दलील दी थी कि उसे इस विषय पर अध्ययन करने के लिये और समय चाहिये. चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों ने प्रस्ताव को स्वीकार किया था. पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि चीन अप्रैल 2017 से शिनजियांग प्रांत में नजरबंदी शिविरों में 10 लाख से ज्यादा उइगरों, कजाखों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हिरासत में ले चुका है.


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