US State Dept Remark Over Pakistan Nukes: पाकिस्तान (Pakistan) को सबसे खतरनाक देशों में से एक बताए जाने और उसके परमाणु हथियार जमावड़े (Pakistan Nuclear Arsenal) की सुरक्षा पर सवाल उठाए जाने के अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बाइडेन (Joe Biden) के बयान के बाद अब अमेरिका (America) ने पलटी मार ली है. अमेरिका विदेश मंत्रालय (US State Dept) ने रविवार (16 अक्टूबर) को कहा कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों (Pakistan Nukes) को सुरक्षित रख सकता है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने पत्रकारों से कहा, ''अमेरिका पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और परमाणु जखीरे को सुरक्षित रखने की उसकी क्षमता को लेकर आश्वस्त है. अमेरिका ने हमेशा अपने हितों के लिए सुरक्षित पाकिस्तान को महत्वपूर्ण माना है.'' इससे पहले बदलती वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति के बारे में बोलते हुए कैलिफोर्निया में एक संबोधन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि पाकिस्तान दुनिया में सबसे खतरनाक देशों में एक हो सकता है. इसके पीछे बाइडेन ने तर्क दिया था कि उन्होंने ऐसा इसलिए सोचा क्योंकि पाकिस्तान के पास बगैर सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं.
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रतिलिपि के मुताबिक, कैलिफोर्निया में डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी के स्वागत में बाइडेन ने कहा था, ''...और मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक हो सकता है- पाकिस्तान. उसके पास बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं."
बाइडेन के बयान पर पाकिस्तान का पलटवार
पाकिस्तान ने उसे सबसे खतरनाक देशों में एक बताए जाने पर शनिवार (15 अक्टूबर) को अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम को तलब था किया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बाइडेन की टिप्पणी को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक कड़ा बयान जारी किया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणियों को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया गया.
शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
एक ट्वीट में शहबाज शरीफ ने लिखा, ''मैं स्पष्ट रूप से दोहराता हूं कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र हैं और हमें गर्व है कि IAEA (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के मानदंडों के अनुसार हमारी परमाणु संपत्ति के पास सर्वोत्तम सुरक्षा उपाय हैं.'' शरीफ ने लिखा, ''हम इन सुरक्षा उपायों को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं. किसी को कोई शंका न रहे.''
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव बाइडेन के बयान से बचती नजर आईं
इस बीच सोमवार (17 अक्टूबर) को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे (Karine Jean-Pierre) अमेरिकी राष्ट्रपति के पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में एक बताए जाने के बयान से बचती नजर आईं. उन्होंने कहा इस बारे में कहने के लिए उनके पास कुछ नहीं है. बाइडेन के बयान को लेकर सवाल पर प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति जो बाइडेन के पाकिस्तान संदर्भ पर अमेरिका की कोई नई टिप्पणी नहीं है. राष्ट्रपति पहले कह चुके हैं और मैं अभी कुछ और नहीं जोड़ने जा रही हूं. मैंने शुक्रवार को मीडिया से इसका जिक्र किया था. कुछ एक दिन पहले मैंने जो कहा, उसमें जोड़ने के लिए कुछ नहीं है.''
शुक्रवार को पियरे ने कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन का पाकिस्तान को लेकर बयान कोई नहीं बात नहीं है. उन्होंने पहले भी ऐसी टिप्पणियां की हैं. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन सुरक्षित और संपन्न पाकिस्तान को अमेरिका के हित में देखते हैं, इसलिए वह पाकिस्तान को लेकर ऐसा कहते रहे हैं.
पाक F-16 देने की मंजूरी के बाद आया था बाइडेन का बयान
पिछले हफ्ते बाइडेन जब रूस-चीन और वैश्विक चिंता के अन्य मामलों पर बात कर रहे थे, तब उन्होंने पाकिस्तान को लेकर बयान दिया था. बाइडेन ने यह भी कहा था, ''.. दोस्तों, बहुत कुछ चल रहा है. बहुत कुछ हो रहा है लेकिन अमेरिका के लिए 21वीं सदी की दूसरी तिमाही में गतिशीलता को बदलने के लिए भी बहुत सारे मौके हैं."
बाइडेन की टिप्पणी ऐसे समय आई जब अमेरिका, पाकिस्तान को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के एफ-16 विमानों का बेड़ा बेच रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने जोर देकर कहा था कि इस बिक्री से पाकिस्तान को आतंकी संगठनों से लड़ने में मदद मिलेगी लेकिन पाक से हमदर्दी को लेकर उन्हें समस्या है. सितंबर में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एफ-16 विमानों की बिक्री को मंजूरी दी थी. तब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंध की उपयोगिता पर सवाल उठाया था और कहा था कि इस्लामाबाद से वाशिंगटन के संबंध ने अमेरिकी हित की सेवा नहीं की है.
अमेरिका-पाक संबंधों पर भारत का रुख
जयशंकर ने वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि यह एक ऐसा रिश्ता है जिसने न तो पाकिस्तान की सेवा की और न ही अमेरिकी हितों की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन को पाकिस्तान को एफ-16 देने के वाशिंगटन के फैसले पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया था.
यह भी पढ़ें- ट्रम्प प्रशासन ने स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोना की सटीक जानकारी देने से रोका था - जांच से हुआ खुलासा