Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में फंसे US नागरिक और तालिबान का जिक्र करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कही ये बात
Afghanistan Crisis: अमेरिका ने 30 अगस्त को अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लिया. लेकिन अमेरिकी नागरिक अभी भी वहां मौजूद हैं. इसको लेकर अब अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी बात रखी है.
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान का काबुल एयरपोर्ट बंद है. वह कब तक चालू होगा इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, कतर से एक एक्सपर्ट्स की टीम वहां पहुंची हुई है. इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोली ब्लिंकन ने कहा कि हम कतर और तुर्की में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि काबुल में हवाई अड्डे को जल्दी से जल्दी चलाने में मदद मिल सके.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान ने प्रतिबद्धता जताई है कि जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं वो जा सकते हैं, इस मुद्दे पर हमने तालिबान के साथ संचार के माध्यमों को जारी रखा हुआ है. उन्होंने कहा कि अफ़गानों की मदद करना हमारी प्राथमिकता से ज़्यादा है. यह एक सतत प्रतिबद्धता है.
एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव तालिबान से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को स्पष्ट करता है, जिसमें यात्रा की स्वतंत्रता, अफगानों, महिलाओं और बच्चों के मूल अधिकारों को कायम रखना शामिल है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “रविवार- 5 सितंबर को, मैं अफगानिस्तान पर निकासी के प्रयास और सहयोग के समर्थन में कतर के नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए दोहा, कतर और रामस्टीन, जर्मनी जा रहा हूं.” इसके साथ ही उन्होंन कहा कि दोहा, कतर में हमारी नई टीम काम कर रही है. हम अफगानिस्तान में रहने वाले अमेरिकियों के साथ लगातार संपर्क में हैं जो देश छोड़ना चाहते हैं. हमने इसके लिए प्रबंधन टीमें बनाई हैं.
गौरतलब है कि 30 अगस्त को अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी बीस साल की सैन्य उपस्थिति को पूरी तरह से समाप्त कर दिया. इसके अलावा अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी पूरी तरह से खत्म कर दिया और उसे कतर में शिफ्ट कर दिया. अमेरिकी की सेना भले ही अफगानिस्तान छोड़ चुकी है लेकिन अभी भी वहां सैकड़ों अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं.
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