Right To Abortion: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए गर्भपात के अधिकार (Right To Abortion) को समाप्त कर दिया है. इस कानून के तहत अमेरिकी महिलाओं के पास अधिकार था कि वे गर्भपात (Abortion) करने या ना कराने का खुद फैसला ले सकती हैं. इसी के साथ अदालत ने लगभग 50 साल पुराने 1973 के ऐतिहासिक "रो वी वेड" के फैसले को पलट दिया, जिसने महिला के गर्भपात के अधिकार को सुनिश्चित किया और कहा था कि अलग-अलग राज्य स्वयं प्रक्रिया को अनुमति दे सकते हैं या प्रतिबंधित कर सकते हैं.
अदालत का फैसला डोब्स बनाम जैक्सन महिला स्वास्थ्य संगठन के निर्णायक मामले में आया, जिसमें मिसिसिपी के अंतिम गर्भपात क्लिनिक ने 15 सप्ताह के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने और इस प्रक्रिया में रो को उलटने के राज्य के प्रयासों का विरोध किया. न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो द्वारा लिखित बहुमत की राय में कहा गया कि गर्भपात एक गहरा नैतिक मुद्दा है, जिस पर अमेरिकी लोग विरोधी विचार रखते हैं. हम मानते हैं कि रो और केसी को खारिज कर दिया जाना चाहिए. संविधान प्रत्येक राज्य के नागरिकों को गर्भपात को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने से प्रतिबंधित नहीं करता है.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा कि संविधान गर्भपात का कोई संदर्भ नहीं देता है, और ऐसा कोई अधिकार किसी भी संवैधानिक प्रावधान द्वारा निहित रूप से संरक्षित नहीं है. 1973 के फैसले को पलटने से फिर से अलग-अलग अमेरिकी राज्यों को गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिल जाएगी. कम से कम 26 राज्यों से ऐसा तुरंत या जल्द से जल्द करने की उम्मीद है.
गर्भपात का मुद्दा क्यों उठा?
दरअसल, हाल ही में अमेरिका (America) में गर्भपात (Abortion) कराने के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया जाए या नहीं इसमें धार्मिक कारक भी शामिल रहे हैं. ये रिपब्लिकन्स (कंजरवेटिव) और डेमोक्रेट्स (लिबरल्स) के बीच विवाद का मुद्दा भी रहा है. ये विवाद 1973 में सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) में पहुंच गया था जिसे रो बनाम वेड केस (Roe V Wade Case) के नाम से जाना जाता है.
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