पाकिस्तान को अमेरिका का एक और तमाचा, डोनल्ड ट्रंप ने 7 हजार करोड़ की सैन्य सहायता रोकी
साल के पहले ट्वीट में ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिकी धन के दुरुपयोग और आंतक के समर्थन का आरोप लगाया था जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खियां आ गई हैं.
नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दे दिया है. राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली पूरी सैन्य सहायता रोक दी है. ये सहायता राशि करीब सात हजार करोड़ की है. अमेरिका ने साफ कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर अमेरिका को मूर्ख बना रहा है. अमेरिका ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना रहे तालिबानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान फेल रहा है. इन सबके चलते पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकी जा रही है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हेदर नौएर्त ने कहा है, ''आज हम इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि इस समय पाकिस्तान की सभी तरह की सैन्य सहायता रोक दी गई है. जब तक पाकिस्तानी सरकार अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ अहम कदम नहीं उठाती तब तक के लिए सैन्य सहायता पर रोक रहेगी. क्योंकि हम ऐसा मानते हैं कि वो इलाके में अस्थिरता फैला रहे हैं और अमेरिका सैनिकों को निशाना बना रहे हैं.’’
बढ़ती दूरियों के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को लेकर दिया एक और बड़ा बयान
आपको बता दें एक जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर झूठ बोलने और मूर्ख बनाने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था. इस ट्वीट के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर यानी 16 सौ 28 करोड़ रुपये की सैन्य सहायता रोक दी थी.
The United States has foolishly given Pakistan more than 33 billion dollars in aid over the last 15 years, and they have given us nothing but lies & deceit, thinking of our leaders as fools. They give safe haven to the terrorists we hunt in Afghanistan, with little help. No more!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 1, 2018
ट्रंप ने कहा था, ‘’अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से पिछले 15 साल में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रु.) से ज्यादा की मदद दी है. बदले में उन्होंने हमें झूठ और छल के अलावा कुछ नहीं दिया. हमारे नेताओं को मूर्ख समझा. जिन आतंकियों को हम अफगानिस्तान में ढूंढ रहे थे, उन्हें पाकिस्तान ने अपने यहां छिपा लिया और शरण दी. पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया. बस! ये सब अब और नहीं चलेगा.’’
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अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 14 हजार सैनिक हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की नीति की घोषणा करते हुए अफगानिस्तान से जल्दबाजी में सैनिकों को वापस बुलाने से इंकार किया था.
आपको बता दें कि साल के पहले ट्वीट में ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिकी धन के दुरुपयोग और आंतक के समर्थन का आरोप लगाया था जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खियां आ गई हैं. ऐसे में अमेरिका पाकिस्तान से जुड़े तमाम विकल्पों को लेकर सजग हो गया है.