वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका आने वाले यात्रियों के लिए वीजा नियमों को और सख्त करने के लिए एक नई पहल की है. इन प्रस्तावों के तहत आवेदक की सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच भी शामिल हैं. सोशल मीडिया की जांच का मकसद आतंकवादी गतिविधियों से संबंध रखने वालों और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गलत लोगों को देश से दूर रखना है.


रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें उन प्रश्नों का जिक्र है जो कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय आवेदकों से पूछना चाहता है.


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विदेश मंत्रालय ने इन उपायों पर टिप्पणियां मांगी हैं. इसमें कहा गया है कि एक अनुमान के मुताबिक सालाना 65 हजार आवेदक और 0.5 प्रतिशत आवेदकों पर इसका असर पड़ेगा.


नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘‘यात्रा इतिहास के संबंध में अगर अधिकारी को लगता है कि आवेदक ऐसे किसी क्षेत्र में रहा हो जो कि किसी आतंकवादी संगठन के नियंत्रण में था तो आवेदकों को उनकी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्राओं के बारे में विवरण उपलब्ध कराने के लिए भी कहा जाएगा.’’


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जो आवेदक नए बनाए गए मानदंडों के अंतर्गत आते हैं उन्हें उनके भाई बहनों के नाम और जन्मतिथि के बारे में भी बताना होगा. उन्हें विदेश मंत्रालय को उनके सोशल मीडिया हैंडलर्स और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म के बारे में भी बताना होगा. मंत्रालय ने कहा कि ये अतिरिक्त सूचनांए अधिकारी को वीजा के लिए अपात्र आवेदकों की पहचान करने में मदद करेगी.


इस नोटिफिकेशन की देश में काफी आलोचना हो रही हैं. एक व्यक्ति ने इसे ‘‘एकदम बकवास’’ करार दिया है. जेनिफर फिलिन नामक एक महिला ने, ‘‘सूचना जमा करने के प्रस्ताव को हास्यास्पद, बोझिल और अनावश्यक करार दिया.’’ ट्रंप सरकार ने हाल ही में 100 दिन पूरे किए हैं. ट्रंप सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही वे अपनी वीजा पॉलिसी को लेकर लगातर सुर्खियों में बने हुए हैं.


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