वॉशिंगटन: सीरिया से अपने जवानों को वापस बुला रहा अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ऐसा ही एक और बड़ा कदम उठाने वाला है. अमेरिकी मीडिया के रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान से भी ट्रंप 7000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने वाले हैं. ये संख्या भारत के मित्र देश अफगानिस्तान में मौजूद कुल अमेरिकी सैनिकों की लगभग आधी है.
अमेरिकी मीडिया न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक इसकी जानकारी दो रक्षा अधिकारियों ने दी है. एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने ये फैसला उसी समय किया जब उन्होंने सीरिया से अमेरिकी फौज को वापस बुलाने का निर्णय लिया. इस फैसलों को उस मुहिम की ओर पहला कदम माना जा रहा है जिसके तहत अमेरिका 17 साल से अफगानिस्तान में चल रहे उसके युद्ध को समाप्त कर सकता है.
अफगानिस्तान में मौजूद 14,000 अमेरिकी सैनिकों का काम अफगानी फौज को ट्रेनिंग देने से लेकर ISIS और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ अफगानिस्तान के अभियान में उन्हें सलाह देने का है. रक्षा अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी फौज को वापस बुलाने के फैसले के पीछे कोशिश ये है कि अफगानिस्तान अपनी ख़ुद की फ़ौज पर ज़्यादा निर्भर हो सके और पश्चिमी सहयोग पर उसकी निर्भरता कम हो.
इससे जुड़ी एक बेहद भयावह जानकारी ये है कि अमेरिकी फौज ने 2014 में सीधे तौर पर सैन्य अभियानों में हिस्सा लेने बंद कर दिया था. इसके बाद से 25,000 अफगानी जवानों को अपनी जानें गंवानी पड़ी है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर अमेरिका पूरी तरह से अफगानिस्तान से बाहर निकल जाता है तो ISIS, अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ अफगान की फौज कितनी कारगर साबित होगी?
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