Janet Yellen India Visit: ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन (Treasury Secretary Janet Yellen) ने घोषणा की है कि वह अमेरिका-भारत आर्थिक और वित्तीय भागीदारी बैठक के 9वें संस्करण में भाग लेने के लिए अगले महीने भारत की यात्रा करेंगी. येलेन ने यह घोषणा तब की जब उन्होंने वॉशिंगटन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की. येलेन ने मंगलवार (11 अक्टूबर) को संवाददाताओं से कहा, "मुझे आज यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नवंबर में G20 की बैठकों से पहले, मैं अमेरिका-भारत आर्थिक और वित्तीय भागीदारी की हमारी 9वीं साझेदारी बैठक में भाग लेने के लिए ट्रेजरी सचिव के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा करूंगी."


'अमेरिका-भारत संबंध महत्वपूर्ण हैं'


उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका-भारत संबंध महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, "यह साझेदारी उनके मूल आर्थिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है. यह हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती है, क्वाड साझेदारी से हमारे मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संबंध और अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के सांस्कृतिक संबंध दिखते हैं."


'उन वैश्विक झटकों ने ऊर्जा और खाद्य कीमतों को बढ़ाया है'


येलेन ने कहा, "अमेरिका और भारत, दोनों विश्व अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और हमें आर्थिक विकास और सहयोग पर मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए, जिसने हमारी साझेदारी को इतना मजबूत बना दिया है." कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र कर येलेन ने कहा कि उन वैश्विक झटकों ने हमारे दोनों देशों में ऊर्जा और खाद्य कीमतों को बढ़ा दिया है और उन्होंने महत्व को रेखांकित किया है. 


निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा किए जाने वाले विषयों और मुद्दों का संकेत देते हुए येलेन ने कहा कि वह आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों में निवेश करने के अपने प्रयासों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं. इसके अलावा अमेरिका वैश्विक तेल बाजारों को अच्छी तरह से आपूर्ति रखने के लिए जो कदम उठा रहा है. 


भारत के G20 अध्यक्ष बनने पर क्या बोलीं जेनेट येलेन?


येलेने ने कहा, "यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि कैसे उच्च ऊर्जा लागत ने हमारे दोनों देशों में उपभोक्ताओं को प्रभावित किया है." ट्रेजरी सचिव ने कहा कि दिसंबर में भारत का G20 अध्यक्ष बनना भी अधिक ठोस वैश्विक सहयोग का एक अवसर है. उन्होंने कहा कि मैं उनके मेजबान वर्ष के लिए भारत की प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं और इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए अमेरिका आपको सबसे अच्छा समर्थन कैसे दे सकता है.


उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात को लेकर काफी खुश है कि भारत इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (Indo-Pacific Economic Framework) में शामिल हो रहा है. येलेन ने कहा, "फ्रेमवर्क के माध्यम से अमेरिका और उसके सहयोगी अपने आर्थिक बंधनों को गहरा करेंगे, महंगे व्यवधानों से बचने के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगे और आने वाले वर्षों और दशकों में तकनीकी नवाचार के लिए मार्गदर्शक मानकों और नियमों को विकसित करने में मदद करेंगे."


क्या है इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क?


गौरतलब है कि समृद्धि के लिए इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क 23 मई, 2022 को अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य साझेदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था. IPEF के माध्यम से भागीदारों का लक्ष्य क्षेत्र के भीतर सहयोग, स्थिरता, समृद्धि, विकास और शांति में योगदान करना है. IPEF का रोलआउट, क्षेत्र में व्यापार पर चीन की आक्रामक रणनीति का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत आर्थिक नीति को आगे बढ़ाने के हिस्से के रूप में सामने आया है.


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