अंकारा: अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान की लाचारी और तालिबान के चेहरे को दुनिया के सामने उजागर किया है. अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद जो संकट खड़ा हुआ है, वो दुनिया के सामने है. लेकिन सवाल अब ये उठ रहा है कि क्या अपने फायदे के लिए मिडिल ईस्ट में भी एक अफगानिस्तान बनाने की स्क्रिप्ट लिखी जा रहे हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट.
सीरिया-इराक को खाली करे अमेरिकी सेना- तुर्की
अफगानिस्तान की तरह ही तबाही की दूसरी स्क्रिप्ट की तैयारी तुर्की में हो रही है. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने अमेरिकी सेना के हवाले से बयान दिया है कि हम चाहते हैं कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान की तरह ही सीरिया और इराक को भी खाली करे. अगर हम दुनिया में शांति की बात कर रहे हैं तो अमेरिकी सैनिकों के अब उन देशों में रुकने का कोई मतलब नहीं है.
अमेरिका और तुर्की के बीच चल रही है तनातनी
इस बयान को समझने के लिए एक साथ कई घटनाओं को देखना जरूरी है. दरअसल इस समय अमेरिका और तुर्की के बीच तनातनी चल रही है. अमेरिका की तरफ से आपत्ति के बावजूद तुर्की फिर रूस से एस-400 मिसाइलों की खरीद करने वाला है. दावा है कि मिसाइल सिस्टम की खरीद से नाराज अमेरिका ने तुर्की को F-35 प्रोजेक्ट से भी बाहर कर दिया है. जबकि अर्दोआन इस बात पर अड़े हैं कि वो अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में किसी देश का दखल नहीं चाहते.
इतना ही नहीं अर्दोआन बुधवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात भी करने वाले हैं. अमेरिका और तुर्की में बढ़ते तनाव के बीच ईरान भी अपना उल्लू सीधा करने में जुटा है. ईरान का कनेक्शन समझने के लिए आपको करीब डेढ़ साल पीछे जाना होगा. 3 जनवरी 2020 को अमेरिकी सेना के ड्रोन अटैक में ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी.
ईरान अमेरिका से लेगा कासिम की मौत का बदला?
ट्रंप के बाद बाइडन ने सत्ता संभाली तो कई फैसले पलटे, ईरान के साथ न्यूक्लियर डील पर भी नरमी की बात हुई लेकिन बात उस तरह से आगे नहीं बढ़ी जितनी उम्मीद थी. अब ईरान अमेरिका से कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की फिराक में है. साथ ही तुर्की और ईरान दोनों अमेरिकी सेना की वापसी का फायदा उठाकर सीरिया, इराक में मजबूत होना चाहते हैं.
बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही इस साल के अंत तक सीरिया, इराक से भी सेना की वापसी का एलान किया है. हालांकि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ उसके बाद बाद समीकरण और हालात बदलते नजर आ रहे हैं.