यमन में ईरान समर्थित 'हूतियों' पर US-UK की स्ट्राइकः जानिए, कौन हैं ये विद्रोही जो लाल सागर को खून से करना चाहते हैं सुर्ख लाल
US-UK strike against Houthi rebels in Yemen: ये वही विद्रोही हैं, जो लाल सागर के पानी को खून से सुर्ख लाल करना चाहते हैं.
US-UK strike against Houthi rebels in Yemen: अमेरिका और यूके ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ मिलिट्री स्ट्राइक की है. शुक्रवार (12 जनवरी, 2023) सुबह (भारतीय समयानुसार) यह पुष्टि व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति भवन) की ओर से की गई. आधिकारिक बयान में बताया गया- आज मेरे (बाइडन) कहने पर ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड्स के समर्थन से अमेरिकी मिलिट्री ने यूके के साथ मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों के विभिन्न ठिकानों पर कई स्ट्राइक्स कीं.
व्हाइट हाउस ने बताया कि हूतियों की ओर से लाल सागर में किए गए 27 हमलों में 50 से अधिक मुल्कों पर असर पड़ा है. 20 देशों से अधिक के क्रू को या तो धमकाया गया या फिर बंधक बनाया गया है. 2000 से अधिक शिप्स को उनके हमलों के चलते रूट बदलना पड़ा, जिससे कई प्रोडक्ट्स की शिपिंग में देरी भी हुई. नौ जनवरी को हूतियों की ओर से सबसे बड़ा हमला हुआ था, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया था.
बाइडन के मुताबिक, "लाल सागर में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री जहाजों के खिलाफ अभूतपूर्व हौथी हमलों की सीधी प्रतिक्रिया" में उन्होंने इन स्ट्राइक्स का आदेश दिया है. इस बीच, एयरस्ट्राइक से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं. इन क्लिप्स में धमाके के दौरान का मंजर और अफरा-तफरी का आलम नजर आया.
Red Sea में हमलों को लेकर India की US से हुई बात
उधर, यूएस ने लाल सागर में हूतियों के हमलों को लेकर भारत के साथ ‘‘साझा चिंताओं’’ पर चर्चा की. साथ ही क्षेत्र में नौवहन की आजादी की रक्षा में दोनों मुल्कों के बीच ‘‘बढ़ते सहयोग’’ का स्वागत भी किया। विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को फोन पर बात की. उन्होंने इस दौरान दक्षिणी लाल सागर और अदन की खाड़ी में हूतियों के हमलों को लेकर अमेरिका और भारत की साझा चिंताओं पर चर्चा की। इन हमलों ने कमर्शियल जहाजों के निर्बाध आवागमन, निर्दोष नौसैनिकों की जान खतरे में डाल दी है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन भी किया है।
कौन हैं Houthi Rebels? जानिए
हूती हथियारबंद समूह है, जो कि यमन के अल्पसंख्यक शिया जैदी समुदाय से आते हैं. 1990 के दशक में वहां जब अली अब्दुल्ला सालेह राष्ट्रपति थे, तब उनके कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए यह ग्रुप गठित हुआ था. चूंकि, इस कैंपेन के संस्थापक हुसैन अल हूती थे, लिहाजा उन्हीं के नाम पर इस ग्रुप का नाम पड़ गया. हालांकि, ये लोग खुद को 'अंसार अल्ला' बताते हैं, जिसका अर्थ ईश्वर का साथी होना है. इस्लाम की दुनियाभर में फतह की तमन्ना रखने वाले ये विद्रोही यूएस, इजरायल और यहूदियों का खात्मा होते देखना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने पिछले कुछ समय में लाल सागर के पानी को खून से सुर्ख लाल करने के प्रयास किए हैं.