US-Pakistan Relation: अमेरिका (America) ने मंगलवार (13 जून) को कहा कि उन्हें पाकिस्तान में हुए 9 मई के विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के बारे में पता है. आपको बता दें कि इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था.


ANI के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने अब इस पूरी घटना पर कहा कि उन्हें उन लोगों के बारे में भी पता है, जिन पर आर्मी कोर्ट में मुकदमा चलाया गया. इसके अलावा अमेरिका ने पाकिस्तानी अधिकारियों से लोकतांत्रिक सिद्धांतों और सभी के लिए कानून के शासन का सम्मान करने का आग्रह किया. पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनेताओं सहित 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.


दंगाइयों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम उन नागरिकों से संबंधित रिपोर्टों से अवगत हैं जो सैन्य परीक्षणों का सामना करेंगे. 9 मई के विरोध में संदिग्ध माने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम मानवाधिकारों, लोकतंत्र, सुरक्षा, और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ उच्चतम स्तर पर चर्चा करते हैं. ये हमारी प्राथमिकता है.


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने सेना अधिनियम के तहत 9 मई के दंगाइयों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का ऐलान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पेश किया था. उन्होंने मांग की थी कि 9 मई की घटनाओं के दोषियों पर मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाए.


'आर्मी एक्ट के तहत आरोप लगेंगे'
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पब्लिक व्यवस्था बनाए रखने (MPO) के अनुच्छेद 16 के तहत जिन मामलों की सुनवाई की जाएगी वो उचित तरीके से संभाला जाएगा. इसके अलावा जिन लोगों ने फाइटर जेट्स को निशाना बनाया और बाला हिसार किले पर हमला किया, उन पर आर्मी एक्ट के तहत आरोप लगेंगे.


9 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद, पाकिस्तान में विरोध शुरू हो गया और पाकिस्तान में लाहौर कॉर्प्स कमांडर के आवास और राज्य की संपत्तियों सहित सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया.


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