Us-China Conflict: दुनिया की दो सबसे ताकतवर सेनाओं वाले वाले देश अमेरिका (US) और चीन (China) में अक्सर तनाव बढ़ जाता है. हफ्तेभर पहले चीन ने अमेरिका से तब बातचीत बंद कर ली, जब अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने अपने चीनी समकक्ष को मुलाकात के न्योता दिया. चीनी डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफु (Li Shangfu) ने अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी के मुलाकात के न्योते को ठुकरा दिया. और, अब शांगफु ने अमेरिका-चीन के टकराव पर बड़ा बयान दिया है.


चीनी डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफु ने चेतावनी दी कि यदि दोनों देशों में टकराव हुआ तो ये दुनिया के लिए बड़ा विनाशकारी साबित होगा. शांगफु ने कहा कि इसलिए हम अमेरिका के साथ टकराव पर बातचीत चाहते हैं. एशिया के शीर्ष सुरक्षा शिखर सम्मेलन 'सांगरी ला' डायलॉग में शांगफु ने कहा- "दुनिया इतनी बड़ी है कि चीन और अमेरिका साथ मिलकर विकास कर सकते हैं." उनका ये बयान इस बात का इशारा करता है कि चीन ने अमेरिका को दुनिया की एकमात्र महाशक्ति मानने से इनकार कर दिया है, जैसा कि अब तक अमेरिका खुद को इस रूप में देखता रहा है.





  • शांगफु ने नॉटो (NATO) जैसे संभावित अलायंस पर कहा— हमें ये कतई मंजूर नहीं है कि हमारे प्रभाव वाले इलाके में ऐसा कोई सैन्य-गठबंधन हो. इसके अलावा शांगफु ने ताइवान का भी जिक्र किया. उन्होंने अपनी चेतावनी में कहा, "यदि किसी ने भी ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश की तो चीनी सेना एक सेकेंड भी नहीं रुकेगी."






अमेरिका की दादागिरी होगी कम, ड्रैगन का कद बढ़ा
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के ताकतवर होने से अब दुनिया दो ध्रुवीय नहीं रह गई, बल्कि 'मल्टी पावरसेंटर' बन रहे हैं. यानी अब अमेरिका के सामने केवल रूस वैश्विक शक्ति नहीं हैं, बल्कि चीन अब रूस की जगह लेते हुए अमेरिका को चुनौती दे रहा है. यूक्रेन से जंग छेड़ने पर रूस को प्रतिबंधों की मार झेलनी पड़ रही है, और इसके कारण अब उसका प्रभाव उतना नहीं रह गया जिनता हुआ करता था. शी जिनपिंग की अगुवाई में चीन ने खुद को इस तरह तैयार किया है कि अब वो हर मामले में अमेरिका की बराबरी करने पर तुला है. कुछ मामलों में तो चीन अब भी अमेरिका से आगे हो गया है. चीन के शांगफु का ताजा बयान इसका अहसास भी कराता है.


कौन हैं ली शांगफु, कब डिफेंस सेक्रेटरी बने?
चीन के डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफु ऐसे हैं, जैसे भारत में रक्षा मंत्री (डिफेंस मिनिस्टर) होते हैं. चीन में डिफेंस मिनिस्टर को डिफेंस सेक्रेटरी कहा जाता है. और, उनकी ड्रेस एक मिलिट्री जनरल जैसी होती है. ली शांगफु मार्च के महीने में ही चीन के डिफेंस सेक्रेटरी बने हैं. और, 4 जून को अमेरिका को चेतावनी वाला बयान उनका पहला महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय संबोधन है.


यह भी पढ़ें: समुद्र के बीच आमने-सामने आए US और चीन के जहाज, अमेरिका ने दे डाली चेतावनी