वॉशिंगटन: दुनियाभर में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका में हैं. लेकिन अब अमेरिका में कोरोना केस बढ़ने की रफ्तार पहले से कम हो गई है. हालांकि अभी भी महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है. मंगलवार को 19,056 नए मामले सामने आए और 1,093 लोगों की मौत हो गई. वहीं कुल 20 लाख 45 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.
अमेरिका में अबतक 114,148 लोगों की मौत
वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बुधवार सुबह तक बढ़कर 20 लाख 45 हजार पार हो गई. वहीं कुल 1 लाख 14 हजार 148 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 7 लाख 85 हजार लोग ठीक भी हुए हैं. 11 लाख 45 हजार लोगों का अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है. अमेरिका में कुल 6 फीसदी कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 33 फीसदी लोग इस बीमारी ठीक हो चुके हैं.
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 400,660 केस सामने आए हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 30,603 लोग मारे गए हैं. इसके बाद न्यू जर्सी में 167,192 कोरोना मरीजों में से 12,369 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, फ्लोरिडा भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
अमेरिका के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी का दावा
उच्च अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एंथनी फॉकी ने कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में फैली तबाही का मूल्यांकन किया. उन्होंने माना कि महामारी फैलने का अंदाजा उन्हें था, मगर पूरी दुनिया में इसका तेजी से फैलाव होगा, इसकी कल्पना उन्होंने नहीं की थी. उन्होंने कहा कि संक्रमित रोग को फैलने में साल या छह महीने लगता है, मगर इसने तो एक ही महीने में अपने पांव पसार लिए. डॉक्टर फॉकी ने दुनिया में वायरस संक्रमण को फैलने का कारण संक्रमित लोगों की यात्रा को माना. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ जंग में कई वैक्सीन का लोगों पर ट्रायल जारी है. फिलहाल जुलाई में एक वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंचने की उम्मीद है.
डॉक्टर फॉकी ने बीमारी से जुड़ा एक अन्य मुद्दा उठाते हुए कहा, "कोरोना वायरस को मात देकर ठीक होने वाले लोग क्या पूरी तरह स्वस्थ हो पाएंगे?" उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने अपने करियर का ज्यादातर समय HIV के अध्ययन पर बिताया है. इससे होने वाली बीमारी वर्तमान में कोविड-19 बीमारी की तुलना में मामूली है. HIV और कोविड-19 बीमारी के बीच यही अंतर है कि कोविड-19 की तीव्रता का रेंज बड़ा है."
ये भी पढ़ें-
अमेरिकी स्वास्थ्य मकमे के इस बड़े अधिकारी ने कोरोना वायरस को क्यों बताया सबसे बुरा सपना?
भारतीय अमेरिकी गैर सरकारी संगठन ने कोरोना काल को देखते हुए जुटाए 10 लाख डॉलर