वॉशिंगटन: कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा नुकसान विश्व महाशक्ति कहलाने वाले राष्ट्र अमेरिका को पहुंचाया है. यहां एक लाख 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या अमेरिका में ही बढ़ रही है. शुक्रवार को अमेरिका में 71 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए और 859 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. अमेरिका में पिछले दो महीनों की तुलना में अब दोगुना कोरोना मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. इन दिनों दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हर दिन ब्राजील में हो रही हैं.


अमेरिका में अबतक 141,977 लोगों की मौत
वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या शनिवार सुबह तक बढ़कर 37 लाख 66 हजार पार हो गई. कुल 1 लाख 41 हजार 977 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 17 लाख 33 हजार लोग ठीक भी हुए हैं, जो कुल संक्रमितों का 44 फीसदी है. 18 लाख 90 हजार लोगों का अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है, जो कुल संक्रमितों का 52 फीसदी है. अमेरिका में कुल 4 फीसदी कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.


अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 432,412 केस सामने आए हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 32,535 लोग मारे गए हैं. इसके बाद कैलिफॉर्निया में 374,162 कोरोना मरीजों में से 7,611 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा न्यू जर्सी, टेक्सस, मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, फ्लोरिडा भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.


अमेरिका और चीन के बीच बढ़ेगा तनाव!
अमेरिका के एक प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख छपा जिसने सभी को चौंका दिया. इस लेख में अमेरिकी सरकार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के सभी सदस्यों और उनके परिजनों पर पूरी तरह से यात्रा बैन लगाने और जो पहले से ही अमेरिका में रह रहे हैं, उनको अमेरिका से निष्कासित करने पर विचार करने के लिए कहा गया. अगर सच में ऐसा होता है तो इससे चीन और अमेरिका दोनों देशों के संबंधों में और ज्यादा तनाव बढ़ जाएगा.


दरअसल, अमेरिका चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी लोगों के बीच एक कृत्रिम रेखा खींचने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, सीपीसी एक राजनीतिक दल है जो चीनी नेतृत्व के साथ-साथ सामान्य चीनी लोगों से गठित है, जो विभिन्न विचारों और जीवन शैली के साथ अपने देश को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है. आधे से ज्यादा चीनी समाज का सीपीसी के साथ संबंध है.


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