कोरोना: अमेरिका में पिछले 24 घंटे में आए सबसे ज्यादा 61 हजार नए मामले, अबतक 1 लाख 35 हजार लोग मरे
कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज इस वक्त दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में हैं. यहीं नहीं दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या अमेरिका में ही बढ़ रही है.
वॉशिंगटन: अमेरिका में हर दिन रिकॉर्ड तोड़ कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. यहां पिछले दो महीने की तुलना में अब दोगुना कोरोना मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, हालांकि मौत की संख्या लगभग आधी हो गई है. बुधवार को अमेरिका में अबतक के सबसे ज्यादा 61 हजार नए मामले दर्ज किए गए और 881 लोगों की मौत हुई. इन दिनों दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हर दिन ब्राजील में हो रही हैं.
अमेरिका में अबतक 134,853 लोगों की मौत वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या गुरुवार सुबह तक बढ़कर 31 लाख 58 हजार पार हो गई. कुल 1 लाख 34 हजार 853 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 13 लाख 92 हजार लोग ठीक भी हुए हैं, जो कुल संक्रमितों का 44 फीसदी है. 16 लाख 31 हजार लोगों का अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है, जो कुल संक्रमितों का 52 फीसदी है. अमेरिका में कुल 4 फीसदी कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 424,263 केस सामने आए हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 32,311 लोग मारे गए हैं. इसके बाद कैलिफॉर्निया में 296,075 कोरोना मरीजों में से 6,713 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा न्यू जर्सी, टेक्सस, मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, फ्लोरिडा भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
मास्क पर किया गया शोध, हुआ चौंकाने वाला खुलासा अच्छे सूती के कपड़े से बने घरेलू मास्क कोरोना वायरस का फैलाव रोकने में मददगार साबित हो सकता है. अमेरिका की फ्लोरिडा एटलांटिक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कई तरह के कपड़ों और मास्क का अध्ययन किया. जिसके बाद उन्होंने बताया कि कॉटन के कपड़े से अच्छी साइज के घरेलू मास्क पहनकर संक्रमण से बचा जा सकता है.
किस तरह का फैब्रिक और कपड़ा कोरोना फैलाव को किस हद तक रोकते में मददगार साबित होता है? ये जानने के लिए वैज्ञानिकों ने इंसान जैसे डम्मी ( Mannequin) के मुंह पर कई तरह के मास्क और रूमाल बांधा. उसके बाद उसके खांसने, छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के फैलाव का अध्ययन किया. शोध में इस्तेमाल किए घरेलू मास्क की तैयारी में कपड़ों के दोहरी परत का इस्तेमाल किया गया था. वैज्ञानिकों ने मास्क से निकलनेवाले कतरे की दूरी तय करने के बारे में जानना चाहा. इसके लिए उन्होंने लेजर किरणों का इस्तेमाल किया. शोध पत्रिका 'फिजिक्स ऑफ फ्लुएड्स' के ताजा अंक में शोध के हवाले से चौंकानेवाला खुलासा किया गया. जिसके मुताबिक खांसने या छींकने की सूरत में मुंह, नाक से निकलनेवाली छोटी-छोटी बूंद चेहरे पर गमछा ( Bandana) बांधने से 3 फीट सात इंच दूर पहुंचे.
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