वाशिंगटन: अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान पर नये प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया. अमेरिका ने यह कदम इसी सप्ताह इराक में अपने सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में उठाया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने कहा कि नये प्रतिबंधों से मध्यपूर्व में "अस्थिरता' फैलाने के साथ ही मंगलवार के हुए मिसाइल हमलों में संलिप्त अधिकारियों को नुकसान होगा.
दरअसल, हाल ही में इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी, जिसके बाद ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किये थे.
न्यूचिन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरानी वस्त्र, निर्माण, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने का शासकीय आदेश जारी करेंगे. वे इस्पात और लौह क्षेत्रों के खिलाफ भी अलग-अलग प्रतिबंध लगाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा, 'इसका नतीजा यह होगा कि हम ईरानी शासन को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता पर रोक लगा देंगे.'
हम ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे- ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हम ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे. ईरान को परमाणु रास्ते से हटना होगा. ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिए जाएंगे.
अमेरिकी संसद ने घटाई डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियां, नहीं ले पाएंगे युद्ध का फैसला
ईरान के साथ संभावित युद्ध को लेकर अमेरिका की सियासत गरमा गई है. अमेरिकी संसद के निचले सदन ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अधिकार सीमित करने वाले प्रस्ताव को पारित कर दिया है. अब ट्रंप को ईरान पर पलटवार करने की खुली छूट नहीं होगी. डेमोक्रेटिक सांसदों के बहुमत वाले निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े.अब इस प्रस्ताव को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा.
डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने संसद को जानकारी दिए बिना ही इराक में ईरान के कमांडर जनरल सुलेमानी पर ड्रोन हमले की इजाजत दे दी थी. इसके बाद नैंसी पेलोसी ने अमेरिकी सांसदों को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रपति की सैन्य कार्रवाई को सीमित करने का प्रस्ताव रखा था.
बता दें कि पिछले हफ्ते बगदाद में ईरानी शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद बुधवार को ईरान ने बगदाद में दो अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बना कर मिसाइलें दागी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
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