डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को फिर दिया झटका, Xiaomi सहित 9 और चीनी कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट
अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को नौ और चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया, जिनमें फोन निर्माता कंपनी शाओमी भी शामिल है. गुरुवार की लिस्ट के बाद अब ऐसी चीनी कंपनियों की संख्या 40 से अधिक हो गई है, जिन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है.
वाशिंगटनः अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को नौ और चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया, जिनमें फोन निर्माता कंपनी शाओमी भी शामिल है. इसको कथित तौर पर चीन की सेना के स्वामित्व या नियंत्रण में होने के चलते ब्लैकलिस्ट किया गया है.
विभाग ने जून 2020 में कांग्रेस को ऐसी कंपनियों की प्रारंभिक लिस्ट जारी की थी जिनको असैनिक फर्म के रूप में संचालन करते समय सैन्य संबंध माना जाता है. इसके बाद दिसंबर 2020 में लिस्ट में और कंपनियों के नाम जोड़े गए. गुरुवार की अपडेटेड लिस्ट के बाद अब 40 से अधिक कंपनियां हैं जिन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया दिया गया है.
नवंबर में निवेश पर लगाई थी रोक रक्षा विभाग ने एडिशनल "कम्युनिस्ट चीनी सैन्य कंपनियों" के नाम अमेरिका में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऑपरेट होन के लिए जारी किए. यह फैसला साल 1999 में एमेंडमेंड किए गए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 1237 की वैधानिक आवश्यकता के अनुसार लिया गया है.
ट्रम्प ने पिछले साल नवंबर में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसने अमेरिका के लोगों को ब्लैकलिस्टेड फर्मों में निवेश करने से रोक दिया था और 11 नवंबर 2021 तक इन कंपनियों में शेयर रखने वाले लोगों को इनसे बाहर निकलने के लिए कहा गया था.
इन कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों की लिस्ट में शोओमी के के अलावा एडवांस्ड माइक्रो-फेब्रिकेशन इक्विपमेंट इंक (AMEC), लुओकॉन्ग टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (LKCO), बीजिंग झोंगगुंकुन डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट सेंटर( GOWIN) सेमीकंडक्टर कॉर्प, ग्रैंड चाइना कंपनी (GCAC), ग्लोबल टोन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (GTCOM), चाइना नेशनल एविएशन होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (CNAH) और कमर्शियल एयरक्राफ़्ट कॉर्पोरेशन ऑफ़ चाइना (COMAC) शामिल हैं.अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपने स्टेटमेंट में कहा, "विभाग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के मिलट्री-सिविल फ्यूजन स्ट्रैट्रजी को उजागर करने और उसका मुकाबला करने के लिए दृढ़ है. जो एडवांस टैक्नोलॉजी और विशेषज्ञता हासिल और विकसित करने के लिए अपनी पहुंच सुनिश्चित करके पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आधुनिकीकरण लक्ष्यों को सपोर्ट करता है. इसमें वे कंपनियां, विश्वविद्यालय और रिसर्च प्रोग्राम्स भी हैं जो सिविल एंटीटिज प्रतीत होते हैं."
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