(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने तालिबान को दी चेतावनी, 1000 सैनिक भेजने के दिए आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 1000 सैनिक को अफगानिस्तान भेजने का निर्णय लिया है. राष्ट्रपति बाइडेन का यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब तालिबान राजधानी काबुल के बहुत नजदीक पहुंच गया है.
अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है. देश के ज्यादातर बड़े शहर पर तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है. कयास यही लगाए जा रहे हैं कि अब तालिबान राजधानी काबुल पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ सकता है. काबुल में लाखों की संख्या में अफगानी लोग रहते हैं. अगर तालिबान काबुल पर कब्जा कर लेता है तो वह देश की सत्ता पर फिर से काबिज हो जाएगा. वहीं इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिनार को अफगानिस्तान में 1000 सैनिक भेजने का फैसला लिया है. इन एक हजार सैनिकों के साथ ही अब अफगानिस्तान में अमेरिका के सैनकों की संख्या 5 हजार हो जाएगी जो वहां तैनात होंगे.
अफगानिस्तान में अमेरिका में यह तैनाती ऐसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए किया है जिन्होंने पिछले 20 सालों में उनकी सेना की इस देश में मदद की है. इसके अलावा अफगानिस्तान के बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए भी अमेरिका ने हजारों सैनिक भेजने का निर्णय लिया है. पिछले कुछ समय से तालिबान के हमले से अफगानिस्तान की जनता काफी परेशान हुई है अभी तक तालिबान ने 34 में से 24 प्रातों पर अपना कब्जा भी जमा लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडल ने 9/11 की 20वीं बरसी के पहले 31 अगस्त तक अपने सैनिक को वापस बुलाने का ऐलान कर दिया था. पर अफगानिस्तान के हर दिन बिगड़ते हालात को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका अपने तय समयसीमा के अंदर वहां से अपने सैनिकों को वापस बुला पाएगा.
वहीं तालिबान को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपित जो बाइडन ने कहा कि जो कोई भी अमेरिकी कर्मियों या उनके मिशन को खतरे में डालेगा उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. बाइडन की यह चेतावनी मजार-ए-शरीफ पर तालिबान द्वारा किए कब्जे के बाद आई है. जानकारी के अनुसार तालिबान अब राजधानी काबुल की ओर तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है.
अमेरिका का 30,000 लोगों को निकालने का है मिशन
यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों और अमेरिकी सेना के लिए काम करने वाले अफगान के लोगों की सुरक्षित निकालने के लिए अधिक सैन्यकर्मी काबुल भेजे गए हैं. पेंटागन को अनुमान है कि 31 अगस्त तक लगभग 30,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.
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