Explained: कौन हैं उइगर मुसलमान और क्यों बीजिंग करता है इनसे नफरत? क्या है चीन में इनकी स्थिति?
UN on Uyghur Muslims: संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslims) को कथित तौर से बंदी बनाने और जबरन मजदूरी कराने को लेकर चिंता जाहिर की है.
Uyghur Muslims in China: पड़ोसियों के साथ दुनिया के कई दूसरे देशों के लिए सिरदर्द बन चुके चीन (China) में अमानवीय जुल्म किए जा रहे हैं. उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslims) के अलावा कई अन्य जातीय अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. उइगर मुस्लिमों के साथ भेदभाव और मारपीट आज दुनिया को सोचने पर मजबूर कर रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया गया है कि चीन में उइगर मुसलमानों की जिंदगी बद से बदतर है.
शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province) में उनके साथ तालिबान की तरह अत्याचार किए जा रहे हैं. उनसे बंधुआ मजदूर की तरह काम लिए जाते हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में उइगर मुसलमानों को कथित तौर से बंदी बनाने और जबरन मजदूरी कराने को लेकर चिंता जाहिर की है.
उइगर मुसलमानों को लेकर UN की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र ने चीन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार किए जा रहे हैं. चीन इन बातों को लेकर अक्सर पल्ला झाड़ता रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में बने डिटेंशन सेंटरों में उइगर मुस्लिम कैदियों को अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं. इनमें यौन उत्पीड़न से लेकर लिंग आधारित हिंसा तक शामिल हैं.
कौन हैं उइगर मुसलमान?
चीन में जो उइगर मुसलमान रह रहे हैं वो वास्तव में अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से संबंध रखते हैं. माना जाता है कि ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के रहने वाले हैं. तुर्क मूल के उइगर मुस्लिमों की चीन के शिनजियांग प्रांत में कई लाख की आबादी है. ये तुर्की भाषा बोलने में सहज हैं. चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक मान्यता मिली है, उइगर उनमें ही शामिल हैं.
डेटेंशन सेंटर में कैद हैं लाखों उइगर मुस्लिम
मानवाधिकार समूहों के एक अनुमान के मुताबिक अकेले उत्तर पूर्व के चीन के शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर्स में कैद करके रखा गया है, जहां उनसे अमानवीय तरीके से पेश आते हैं. कई यातनाएं दी जाती हैं. बताया जाता है कि उन पर परिवार नियोजन और जन्म दर पर नियंत्रण को लेकर भेदभाव किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने उइगर मुस्लिमों के साथ भेदभाव को लेकर इस पर लगाम लगाए जाने की अपील की है.
चीन क्यों करता है नफरत और क्या है स्थिति?
चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी रहती है. कथित तौर पर ऐसा कहा जाता है कि ये चीन से अलग होना चाहते हैं. वहीं, चीन कभी नहीं चाहेगा कि ऐसा हो. उइगर मुस्लिम जब कभी भी चीनी कानून का विरोध करता है तो उसे कुचलने की कोशिश की जाती है. चीन में उन्हें काफी अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं. नमाज और रोजे रखने पर भी काफी हद तक पाबंदी है. इन्हें दाढ़ी रखने के लिए मना किया जाता है. महिलाओं को पर्दा करके बैंक और अस्पताल जाने की अनुमति नहीं है. उइगर मुस्लिमों से जबरन मजदूरी और नसबंदी के भी मामले सामने आए हैं.
चीन ने आरोपों को नकारा
उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslims) के साथ भेदभाव और हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट को चीन (China) अक्सर नकारता रहा है. इस बार भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट का विरोध किया है. चीन के राजदूत का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा कोई जुल्म हो रहा है. चीन का मानना है कि उनके देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करने को लेकर जारी ये रिपोर्ट पश्चिमी देशों के अभियान का एक हिस्सा है. बता दें कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट से इस रिपोर्ट को वापस लेने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था.
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