कोरोना वैक्सीन: रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी ने सलाह दी है कि स्पूतनिक  वैक्सीन का हर डोज़ लेने के बाद कम से कम तीन दिन तक मंदिर सेवन न करें. संस्थान के निदेशक एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने कहा कि हम पूर्ण शराब पाबंदी की बात नहीं कर रहे. लेकिन एक नियंत्रित रोक आवश्यक है.यह केवल स्पूतनिक की नहीं किसी भी कोरोना वैक्सीन के लिए कारगर सलाह है.


गिन्ट्सबर्ग के मुताबिक यह समझना ज़रूरी है कि शराब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है.ऐसे में कोविड रोधी टीके का असर न कम हो जाता है बल्कि बेअसर भी हो सकता है. इसके अलावा कोविड का टीका लेने के 42 दिन तक किसी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली दवा का सेवन भी ठीक है. ताकि कोविड19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बनाने में मुशिकल न हो.यह मानक परामर्श हैं जो किसी भी ऐसी स्थिति में प्रभावी हैं.


कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में फ़ैल रहा है. दुनिया के अधिकतर देशों के लोग कोरोना वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे हैं. इसी बीच रूस में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है. रूस की राजधानी मॉस्को में इस मुहिम की शुरुआत हो गई है. जानकारी के लिए बता दें कि ये वैक्सीन सबसे पहले उन लोगों को दिया जा रहा है जिनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है.


हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने की मुहिम की शुरुआत करने का आदेश दिया था. रूस अपने ही देश में विकसित 'स्पूतनिक वी' नामक वैक्सीन का उपयोग कर रहा है, जिसे अगस्त के महीने में मंजूरी दे दी गई थी.


कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम के लिए हजारों की संख्या में चिकित्सकों, शिक्षकों और अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. वहीं राष्ट्रपति से आदेश मिलने के बाद वैक्सीन देने के लिए दर्जनों केंद्र खोले गए हैं.


इस वैक्सीन पर सामूहिक परीक्षण अभी भी जारी
'स्पूतनिक वी' वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन 95 प्रतिशत असरदार है. उनका कहना है कि इस वैक्सीन का कोई नेगेटिव इम्पैक्ट नहीं है. हालांकि इस वैक्सीन पर सामूहिक परीक्षण अभी भी जारी है. रूस का दावा है कि ये वैक्सीन दुनिया का पहला रजिस्टर्ड कोरोना वैक्सीन है जिसे सरकार ने अगस्त में ही मंजूरी दे दी थी.


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