कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच कई देश वैक्सीन को इमरजेंसी और रेगुलर अप्रूवल दे चुके हैं. ब्रिटेन और बहरीन के बाद अब कनाडा ने अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक की तरफ से तैयार कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा चीनी कंपनी सिनोफार्म को भी यूएई में अप्रूवल मिल गया है.


फाइजर को ब्रिटेन और बहरीन के बाद कनाडा में भी मिली मंजूरी


फाइजर वैक्सीन की सबसे पहले ब्रिटेन में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई. वहां पर बड़ी तादाद में लोगों का टीकाकरण भी शुरू हो चुका है. इसके अलावा फाइजर के वैक्सीन के इस्तेमाल की बहरीन ने भी अपने यहां पर इजाजत दे दी है.


फाइजर को मंजूरी मिलने के बाद कनाडा में कोरोना वैक्‍सीन लगने की प्रक्रिया तेज हो गई है. अगले सोमवार तक 30,000 डोज 14 शिपमेंट के जरिए देश में पहुंच जाएंगे वहीं कनाडा को इस महीने 5 लाख 49 हजार वैक्सीन की खुराक मिलेगी और मार्च तक 40 लाख वैक्सीन के डोज उपलब्ध हो पाएगी. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह कहा गया है कि वैक्सीन अभी 16 साल या उससे ऊपर के लोगों को दी जाएगी, लेकिन फाइजर और बायएनटेक की तरफ से सभी आयु वर्ग के बच्चों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और वह बदल सकता है.


कनाडा के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि 'कनाडा के लोग विश्वास कर सकते हैं कि जो हमारे पास मजबूत निगरानी व्यवस्था है उसके जरिए कड़ी समीक्षा प्रक्रिया की गई है.


चाइनीज टीके को यूएई में मिला अप्रूवल
चीनी कंपनी सिनोफार्म की प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन बीमारी की रोकथाम में 86 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे परीक्षण के अंतरिम विश्लेषण के हवाले से स्वास्थ्य और रोकथाम मंत्रालय ने आधिकारिक रजिस्ट्रेशन का ऐलान किया है. वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है. ये फैसला 86 फीसदी असरदार होने का खुलासा मानव परीक्षण के शुरुआती नतीजे सामने आने के बाद किया गया. हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान किया है कि तीसरे चरण के मानव परीक्षण के नतीजों की अभी और जानकारी की जरूरत है.


रूस ने 'स्पूतनिक वी' को दी मंजूरी, वैक्सीनेशन शुरू
रूस में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है. पिछले हफ्ते रूस की राजधानी मॉस्को में इस मुहिम की शुरुआत हुई. ये वैक्सीन सबसे पहले उन लोगों को दी जा रही है जिनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने की मुहिम की शुरुआत करने का आदेश दिया था. रूस अपने ही देश में विकसित 'स्पूतनिक वी' नामक वैक्सीन का उपयोग कर रहा है, जिसे अगस्त के महीने में मंजूरी दे दी गई थी. 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन 95 प्रतिशत असरदार है. उनका कहना है कि इस वैक्सीन का कोई नेगेटिव इम्पैक्ट नहीं है. हालांकि इस वैक्सीन पर सामूहिक परीक्षण अभी भी जारी है.


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